महाराष्ट्र में मराठी को लेकर विवाद के बीच मंगलवार सुबह पुलिस ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के ठाणे-पालघर प्रमुख अविनाश जाधव (Avinash Jadhav) को हिरासत में ले लिया। जाधव ठाणे के भायंदर में व्यापारियों के विरोध प्रदर्शन के जवाब में एक रैली करने जा रहे थे। पुलिस ने इस रैली की परमिशन नहीं दी थी। पुलिस ने सुबह करीब 3:30 बजे जाधव को उनके ठाणे स्थित घर से हिरासत (Arrest) में लिया। भायंदर में पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है।
भायंदर में ही 1 जुलाई को एक गुजराती दुकानदार को मराठी में बात न करने पर MNS कार्यकर्ताओं ने मारपीट की थी। इसके विरोध में व्यापारियों ने कार्रवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था।
डीसीपी प्रकाश ने रैली पर रोक लगा दी थी
सोमवार को ही डीसीपी प्रकाश गायकवाड़ ने आदेश जारी कर जाधव के भायंदर आने पर एक दिन की रोक लगा दी। आदेश में कहा गया कि जाधव पर पहले से 28 आपराधिक केस दर्ज हैं और उनकी मौजूदगी से कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है। मुंबई के मीरा रोड इलाके का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें MNS कार्यकर्ताओं की गुजराती दुकानदार से मराठी न बोलने पर बहस हुई थी। कार्यकर्ता ने उससे कहा था कि तुमने मुझसे पूछा कि मराठी क्यों बोलनी चाहिए? जब तुम्हें परेशानी थी, तब तुम MNS ऑफिस आए थे।’
दुकानदार ने जवाब में कहा था कि उसे नहीं पता था कि मराठी बोलना अब जरूरी हो गया है। इस पर एक कार्यकर्ता गाली देते हुए दुकानदार को धमकाता है कि उसे इस इलाके में कारोबार नहीं करने दिया जाएगा। बहस के दौरान दुकानदार से मारपीट की गई थी।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने ‘मराठी एकता’ पर शनिवार यानी 5 जुलाई को मुंबई के वर्ली सभागार में ‘मराठी विजय रैली’ की थी।
राज ठाकरे ने कहा था, ‘चाहे गुजराती हो या कोई और, उसे मराठी आनी चाहिए, लेकिन अगर कोई मराठी नहीं बोलता तो उसे पीटने की जरूरत नहीं है, लेकिन अगर कोई बेकार का ड्रामा करता है तो आपको उसके कान के नीचे मारना चाहिए। अगर आप किसी को पीटते हैं, तो घटना का वीडियो न बनाएं।
महाराष्ट्र में भाषा विवाद क्या है
- महाराष्ट्र में अप्रैल में 1 से 5वीं तक के स्टूडेंट्स के लिए तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी अनिवार्य की गई थी। ये फैसला राज्य के सभी मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों पर लागू किया गया था।
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के नए करिकुलम को ध्यान में रखते हुए महाराष्ट्र में इन क्लासेज के लिए तीन भाषा की पॉलिसी लागू की गई थी।
- विवाद बढ़ने के बाद अपडेटेड गाइडलाइंस जारी की गई। मराठी और अंग्रेजी मीडियम में कक्षा 1 से 5वीं तक पढ़ने वाले स्टूडेंट्स तीसरी भाषा के तौर पर हिंदी के अलावा भी दूसरी भारतीय भाषाएं चुन सकते हैं।
- इसके लिए शर्त बस यह होगी कि एक क्लास के कम से कम 20 स्टूडेंट्स हिंदी से इतर दूसरी भाषा को चुनें। ऐसी स्थिति में स्कूल में दूसरी भाषा की टीचर भी अपॉइंट कराई जाएगी। अगर दूसरी भाषा चुनने वाले स्टूडेंट्स का नंबर 20 से कम है तो वह भाषा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई जाएगी।
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