‘ये देशहित में ठीक नहीं’, Mayawati ने पहलगाम हमले पर दी सियासी दलों को नसीहत
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देशभर में आक्रोश फैला दिया है।
इस हमले को लेकर एक ओर जहां राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है, वहीं बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख Mayawati ने संयम बरतने की सलाह दी है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसे संवेदनशील समय में राजनीति करना देशहित में नहीं होता।
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Mayawati ने क्या कहा?
- एक प्रेस बयान में मायावती ने कहा, “पहलगाम में निर्दोष लोगों की जान जाना अत्यंत दुखद है।
इस पर राजनीतिक रोटियां सेंकना सही नहीं।
सभी दलों को एकजुटता दिखानी चाहिए।” - उन्होंने आगे जोड़ा कि राजनीतिक मतभेदों को देश की सुरक्षा के मुद्दे पर नहीं लाना चाहिए।

क्यों Mayawati का बयान महत्वपूर्ण है?
- मायावती का बयान ऐसे समय आया है जब
सत्ताधारी और विपक्षी दल एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोप रहे हैं। - जबकि बीएसपी आमतौर पर विवादों से दूर रहती है,
इस बार उन्होंने स्पष्ट तौर पर सभी दलों को नसीहत दे दी है।
पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
- हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने यात्रियों पर हमला किया।
- इस हमले में कई लोगों की जान चली गई और कई घायल हुए।
- इसके बाद सरकार की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाए गए।
- कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने सरकार से जवाब मांगा,
वहीं भाजपा ने विपक्ष को देशविरोधी मानसिकता वाला बताया।
राजनीतिक बयानबाजी पर चिंता
- मायावती का मानना है कि “ऐसे समय पर जनता राजनीतिक दलों से एकजुटता और समाधान चाहती है, ना कि आरोप-प्रत्यारोप।”
- उन्होंने कहा कि “इस तरह की बयानबाजी से दुश्मन को बल मिलता है,
और देश में भ्रम फैलता है।”
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
- सोशल मीडिया पर मायावती के इस बयान को संतुलित और राष्ट्रहित में बताया जा रहा है।
- कई यूजर्स ने लिखा कि “हर नेता को ऐसी सोच रखनी चाहिए।”
- वहीं कुछ ने यह भी कहा कि “सिर्फ बयानबाजी नहीं, अब एक्शन चाहिए।”

आगे की राह क्या होनी चाहिए?
- विशेषज्ञों का मानना है कि
देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी दलों को
राजनीति से ऊपर उठकर सहयोग करना चाहिए। - सुरक्षा एजेंसियों को और मजबूती देने के साथ,
सटीक रणनीति बनाना भी जरूरी है। - साथ ही मीडिया को भी संवेदनशील मामलों में संयम बरतने की जरूरत है।
Mayawati का यह बयान सियासी गर्मी के बीच ठंडेपन का संकेत देता है।
जब देश किसी संकट से गुजर रहा हो, तब राजनीति नहीं,
राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।
उम्मीद की जा रही है कि अन्य दल भी इस संदेश से सबक लेंगे और
देश की एकता को प्राथमिकता देंगे।
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