Delhi : दिल्ली की हवा में पारा, किडनी और दिल के लिए खतरनाक

By Anuj Kumar | Updated: September 8, 2025 • 10:47 AM

नई दिल्ली। दिल्ली में हवा इतनी प्रदूषित हो गई है कि सांस लेना अब और खतरनाक हो गया है। पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट की छह साल की रिसर्च में पता चला है कि दिल्ली (Delhi) की हवा में पारा सबसे ज़्यादा है। पारा एक जहरीला धातु है जो तंत्रिका तंत्र, किडनी और हृदय के लिए बहुत ही नुकसानदेह है।

अहमदाबाद और पुणे से भी आगे दिल्ली

रिसर्च में दिल्ली, अहमदाबाद (Ahemdabad) और पुणे की हवा की तुलना की गई। इसके जो नतीजे आए वह हैरान करने वाले हैं। रिसर्च ने बताया कि दिल्ली में पारा का स्तर दक्षिण एशिया में अब भी सबसे ज्यादा है। दिल्ली की हवा में पारा का स्तर 6.9 नैनोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर पाया गया है, जबकि अहमदाबाद में यह 2.1 और पुणे में 1.5 नैनोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है। दिल्ली का पारा स्तर वैश्विक स्तर से 13 गुना ज्यादा था।

मानव गतिविधियां मुख्य वजह

रिसर्च में बताया गया कि इन शहरों में पारा का 72 फीसदी से 92 फीसदी हिस्सा मानव गतिविधियों जैसे कोयला जलाना, ट्रैफिक और उद्योगों के कारण है। सर्दियों में और रात के समय पारा की मात्रा बढ़ जाती है, जो कोयला जलाने, पराली जलाने और स्थिर मौसम की वजह से होता है।

डब्ल्यूएचओ ने बताया सबसे खतरनाक रसायन

आईआईएससी (IISC) के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज के चेयर प्रोफेसर गुफ़रान बीग ने कहा कि पारा डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए 10 खतरनाक रसायनों में शामिल है। अगर छोटे मात्रा में भी 5-10 साल तक सांस के जरिए एक्सपोज़र होता रहे, तो यह खतरनाक साबित हो सकता है।

लंबे समय तक असर बेहद घातक

लंबे समय तक पारा सांस लेने से तंत्रिका तंत्र, पाचन तंत्र, इम्यून सिस्टम, किडनी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। दिल्ली की हवा में पारा का स्तर सबसे ज्यादा है, जबकि अहमदाबाद और पुणे में कम पाया गया। वैज्ञानिकों का दावा है कि हाल के वर्षों में धीरे-धीरे कमी का संकेत भी मिला है।

सर्दियों और रात में और बढ़ता है खतरा

दिल्ली की हवा में पारा बढ़ने का मुख्य कारण मानव गतिविधियां जैसे कोयला जलाना, ट्रैफिक और उद्योग हैं। सर्दियों और रात के समय पारा का स्तर बढ़ जाता है, जो दिमाग, किडनी, फेफड़े, हृदय और पाचन तंत्र पर गंभीर असर डाल सकता है

दिल्ली के 7 जिले कौन से हैं?

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली में 11 जिले हैं:- उत्तर, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व, नई दिल्ली, मध्य, शाहदरा और पूर्व। दक्षिण दिल्ली जिला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के 11 जिलों में से एक है।

दिल्ली में कितने लोग रहते हैं?

यहाँ की जनसंख्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मुख्य भाषाएँ हैं : हिन्दी, पंजाबी, उर्दू और अंग्रेज़ी। भारत में दिल्ली का ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्त्व है। इसके दक्षिण पश्चिम में अरावली पहाड़ियाँ और पूर्व में यमुना नदी है, जिसके किनारे यह नगर बसा हुआ है।

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