Mike ट्रंप प्रशासन में उथल-पुथल, NSA माइक वाल्ट्ज हटाए गए
ट्रंप प्रशासन में एक और बड़ा फैसला सामने आया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार Mike वाल्ट्ज को उनके पद से हटा दिया गया है। इस कदम ने अमेरिका की राजनीति में हलचल मचा दी है।
माइक हटाने की वजहें क्या हैं?
व्हाइट हाउस के सूत्रों के अनुसार, माइक वाल्ट्ज को हटाने के पीछे कई अहम कारण रहे:
- माइक और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच विदेश नीति को लेकर मतभेद।
- राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर लगातार असहमति।
- आंतरिक विवाद और बढ़ती आलोचना।
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, यह फैसला अचानक नहीं बल्कि लंबे समय से विचाराधीन था। Mike के जाने से प्रशासन में नई रणनीति की उम्मीद की जा रही है।
Mike: कौन संभालेगा NSA की जिम्मेदारी?
माइक वाल्ट्ज की विदाई के बाद NSA की कुर्सी खाली हो गई है। अंतरिम तौर पर डिप्टी NSA को जिम्मेदारी दी गई है। संभावित नामों में शामिल हैं:
- जॉन स्मिथ
- सारा वॉशिंगटन
- डेविड ह्यूजेस
विशेषज्ञ मानते हैं कि माइक के हटने से अमेरिका की विदेश नीति में बड़े बदलाव हो सकते हैं।
Mike: अमेरिका की छवि पर असर
इस फैसले से अमेरिका की वैश्विक छवि और रणनीतिक दिशा पर असर पड़ेगा:
- सहयोगी देशों के साथ समझौतों में नई परिस्थितियां।
- रूस और चीन से नीतियों में बदलाव।
- आतंकवाद और साइबर सुरक्षा पर नई रणनीतियाँ।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि Mike जैसे अनुभवी सलाहकार की विदाई से नीति निर्माण में अनिश्चितता बढ़ सकती है।
माइक पहले भी हुए प्रशासन में बदलाव
यह पहली बार नहीं जब ट्रंप प्रशासन में बड़े स्तर पर बदलाव हुए हों:
- पहले भी कई वरिष्ठ अधिकारियों को पद से हटाया गया।
- व्हाइट हाउस में नेतृत्व को लेकर लगातार संघर्ष।
- नीति निर्धारण में बार-बार हस्तक्षेप।
इस बदलाव ने एक बार फिर ट्रंप प्रशासन के अंदर जारी Mike और अन्य नेताओं के बीच मतभेद को उजागर किया है।
माइक विपक्ष और मीडिया की प्रतिक्रिया
विपक्ष और मीडिया ने इस फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी:
- डेमोक्रेट्स ने प्रशासन पर अस्थिरता का आरोप लगाया।
- मीडिया रिपोर्ट्स में इसे “नेतृत्व संकट” बताया गया।
- कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि इससे सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
व्हाइट हाउस ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह कदम “राष्ट्रहित” में उठाया गया है।
Mike वाल्ट्ज की विदाई ने अमेरिका की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। आने वाले समय में देखना होगा कि इस बदलाव का असर प्रशासन की नीति और वैश्विक रिश्तों पर कैसे पड़ेगा। फिलहाल, यह फैसला ट्रंप प्रशासन की अस्थिरता और नेतृत्व के संकट को उजागर करता है।