राजस्व में ऐतिहासिक उछाल: 2025-26 के पहले दो माह में 623 करोड़ का संग्रह
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश खनन क्षेत्र में पारदर्शिता और तकनीक का मानक बन गया है। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था (Economy) के लक्ष्य में खनन क्षेत्र की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र अब केवल खनिज उत्पादन का जरिया नहीं, बल्कि राज्य की आर्थिक प्रगति, निवेश संवर्धन और स्थानीय रोजगार सृजन का प्रभावशाली केंद्र बन गया है।
सीएम योगी ने भूतत्व एवं खनन विभाग की गहन समीक्षा बैठक की
रविवार को आयोजित भूतत्व एवं खनन विभाग की गहन समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की खनन नीति अब पारदर्शिता और तकनीकी दक्षता का संगम बन चुकी है। विभागीय कार्यों की अद्यतन प्रगति से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2024-25 तक खनिज राजस्व में औसतन 18.14% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2024-25 में मुख्य खनिजों से 608.11 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि वर्ष 2025-26 में केवल मई माह तक ही 623 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हो चुकी है, जो इस क्षेत्र की लगातार प्रगति और विभाग की दक्षता को दर्शाता है।
अग्रणी कंपनियां की उत्तर प्रदेश में खनन निवेश को लेकर गहरी रुचि
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि हाल के वर्षों में फॉस्फोराइट, लौह अयस्क और स्वर्ण जैसे मुख्य खनिजों के पट्टों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है। उन्होंने निर्देश दिए कि कंपोजिट लाइसेंस प्रक्रिया को और तेज किया जाए तथा संभावित खनन क्षेत्रों की अग्रिम पहचान और भू-वैज्ञानिक रिपोर्टों की समयबद्ध तैयारी सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि स्पष्ट, पारदर्शी और प्रोत्साहक नीतियों के चलते जेएसडब्ल्यू, अडानी ग्रुप, टाटा स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट जैसी अग्रणी कंपनियां उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर गहरी रुचि दिखा रही हैं।
नए पट्टों की प्रक्रिया मानसून काल में पूरी की जाए : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देशित किया कि उपखनिजों के नए पट्टों की प्रक्रिया मानसून काल में पूरी की जाए, ताकि 15 अक्टूबर से खनन कार्य प्रारंभ हो सके। इसके साथ ही, उन्होंने जिला खनन निधि (DMF) के समुचित उपयोग पर बल देते हुए कहा कि इसका उपयोग आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना, खेल मैदानों के विकास, स्वास्थ्य, कौशल प्रशिक्षण और जल-ऊर्जा संरक्षण जैसे लोकहितकारी कार्यों में प्राथमिकता से किया जाए।