वटपल्ली थाने में गुमशुदगी की दर्ज कराई शिकायत
संगारेड्डी। मंगलवार को मनूर मंडल के उसिरिकेपल्ली गांव में एक नाले के पास कृषि क्षेत्र में एक लापता युवक संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया। मृतक की पहचान वटपल्ली मंडल के गौतमपुर निवासी बोइनी तेजा (32) के रूप में हुई है। वह रविवार को अपने घर से लापता हो गया था। उसका पता न चलने पर, उसके परिवार ने सोमवार को वटपल्ली थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। मंगलवार को उसिरिकेपल्ली (Usirikepalli) में उनका शव मिला। पुलिस (Police) ने मामला दर्ज कर लिया है और जाँच शुरू कर दी है। तेजा के परिवार वालों ने सिकंदर नाम के एक व्यक्ति पर उनकी मौत में शामिल होने का आरोप लगाया है। जाँच जारी है।

मृत्यु की उत्पत्ति कैसे हुई?
प्राचीन ग्रंथों और दर्शन में मृत्यु को जीवन का स्वाभाविक अंत माना गया है। शरीर में जब जीव ऊर्जा या आत्मा का क्षय होता है, तब मृत्यु होती है। जीव विज्ञान के अनुसार यह एक जैविक प्रक्रिया है जो कोशिकीय गिरावट और अंगों के कार्य रुकने से उत्पन्न होती है।
सबसे अच्छी मृत्यु कौन सी होती है?
वह मृत्यु जिसे शांति, बिना कष्ट और प्राकृतिक रूप से वृद्धावस्था में प्राप्त किया जाए, उसे सबसे अच्छी मृत्यु माना जाता है। आयुर्वेद और दर्शन में इसे सुखद मृत्यु या सहज मृत्यु कहा गया है, जहां व्यक्ति बिना पीड़ा के संसार से विदा होता है।
मृत्यु का दूसरा नाम क्या है?
सांस्कृतिक रूप में मृत्यु को कई नामों से जाना जाता है—देहांत, अंतकाल, प्राण त्याग, कालगति, निर्वाण, मरण आदि। ये शब्द अलग-अलग परंपराओं, भाषाओं और धार्मिक मान्यताओं में प्रयुक्त होते हैं, लेकिन सभी का तात्पर्य जीवन के अंत से होता है।
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