एक करोड़ रुपये की लागत से विकसित सुविधा का उद्घाटन
कोत्तागुडेम। जिला पुलिस ने तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर चेरला मंडल के सुदूर पुसुगुप्पा गांव में आदिवासियों के लिए मोबाइल अस्पताल-एम्बुलेंस सेवा (mobile hospital-ambulance service) शुरू की। भद्राचलम के विधायक टी वेंकट राव (Bhadrachalam MLA T Venkat Rao), जिला कलेक्टर जितेश वी पाटिल और पुलिस अधीक्षक बी रोहित राजू ने विशेष केंद्रीय सहायता निधि से जारी एक करोड़ रुपये की लागत से विकसित इस सुविधा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर बोलते हुए, विधायक वेंकट राव ने चेरला मंडल के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के कल्याण के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए पुलिस अधीक्षक और जिला पुलिस की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुसुगुप्पा और आसपास के क्षेत्रों के आदिवासियों को इस अस्पताल का लाभ उठाना चाहिए।
भद्राचलम और कोत्तागुडेम शहरों तक जाने में बहुत सहायक रही सड़क
हाल ही में पुलिस द्वारा पुसुगुप्पा से चेरला तक बनाई गई सड़क पुसुगुप्पा और आसपास के गांवों के निवासियों के लिए चिकित्सा आपातकाल की स्थिति में भद्राचलम और कोत्तागुडेम शहरों तक जाने में बहुत सहायक रही। कलेक्टर पाटिल ने कल्याणकारी और विकास कार्यक्रमों को आदिवासियों के घर-घर तक पहुँचाने के लिए जिला पुलिस की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन माओवाद प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को शिक्षा, चिकित्सा और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है।
पुलिस विभाग एजेंसी क्षेत्र के निवासियों के साथ खड़ा रहेगा : एसपी
बाद में, एसपी रोहित राजू ने कहा कि पुलिस विभाग एजेंसी क्षेत्र के निवासियों के साथ खड़ा रहेगा और उनकी समस्याओं का समाधान करेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती गाँव रामपुरम और भीमाराम के लोगों को भी अस्पताल की सेवाओं का लाभ उठाना चाहिए। कार्यक्रम में भद्राचलम एएसपी विक्रांत कुमार सिंह, चेरला इंस्पेक्टर राजू वर्मा, विशेष शाखा निरीक्षक चेनुरी श्रीनिवास, ई श्रीनिवास, एसआई नरसी रेड्डी, केशव और अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया।

मोबाइल हॉस्पिटल क्या है?
मोबाइल हॉस्पिटल एक चलित चिकित्सा इकाई है जो वैन, बस या ट्रक के रूप में दूरदराज़ या आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है। इसमें डॉक्टर, नर्स, प्राथमिक उपचार उपकरण, दवाएं, और कभी-कभी छोटी जांच सुविधाएं होती हैं। यह ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में अहम भूमिका निभाता है।
अस्पताल का मुख्य कार्य क्या है?
अस्पताल का मुख्य कार्य रोगियों का उपचार, चिकित्सा देखभाल, और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना होता है। इसमें बीमारियों की जांच, रोकथाम, सर्जरी, आपातकालीन सेवा, और प्रसूति देखभाल शामिल होती है। साथ ही अस्पतालों में स्वास्थ्य शिक्षा, शोध और मरीजों की देखरेख भी की जाती है।
4 प्रकार के अस्पताल कौन से हैं?
अस्पतालों के 4 प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- सरकारी अस्पताल – सरकार द्वारा संचालित, कम लागत या निःशुल्क इलाज प्रदान करते हैं।
- निजी अस्पताल – निजी प्रबंधन द्वारा संचालित, बेहतर सुविधाएं लेकिन महंगा इलाज।
- विशेषज्ञ अस्पताल (Specialty Hospitals) – जैसे हृदय, कैंसर, नेत्र, मानसिक रोग आदि के लिए।
- शिक्षण अस्पताल (Teaching Hospitals) – जहां इलाज के साथ मेडिकल छात्रों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है, जैसे AIIMS।
ये अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतों के अनुसार वर्गीकृत किए जाते हैं।
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