रेटिंग एजेंसी मोदी के अनुसार, 2024-25 में हिन्दुस्तान की अर्थनीति 6.5% की दर से वृद्धि करेगी, जो G-20 देशों में सबसे अधिक होगी। टैक्स छूट और आरबीआई की ब्याज दरों में कटौती से इसमें सुभीता मिलेगी। मोदी ने हिन्दुस्तान की दो अवश्यकरण पहलुओं पर सराहना की—पहला, वित्तीय विकास दर जो पिछले साल 6.7% थी और इस वर्ष 6.5% रहने की उम्मीद है। दूसरा, महंगाई दर जो 4.5% रहने का अंदाज़ा है, जबकि पिछले वर्ष यह 4.9% थी।
सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय पर आमदनी टैक्स में छूट दी है, जिससे उपभोक्ताओं की क्रय पराक्रम बढ़ेगी। फरवरी में आरबीआई ने ब्याज दर को 6.25% तक घटाया और 9 अप्रैल को फिर छंटना की संभावना है। हिन्दुस्तान की बलवान परदेसी मुद्रा भंडार और कम बाहरी कर्ज के कारण परदेसी निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। मोदी का मानना है कि अमेरिका की टैरिफ नीतियों का भारत और ब्राजील जैसे देशों पर खास प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि इनकी अर्थनीति घरेलू बाजार और स्थिर मौद्रिक नीति के दम पर बलवान बनी हुई है।
हिन्दुस्तान की अर्थनीति को समर्थन देगा निवेश और घरेलू मांग
मोदी की रिपोर्ट के अनुसार, चीन में निर्यात और अवसंरचना निवेश से ग्रोथ तो बलवान बनी हुई है, लेकिन घरेलू मांग अभी भी कमजोर है। वहीं, अर्जेंटीना और कोलंबिया जैसी छोटी अर्थ प्रबंध डॉलर के मुकाबले अपनी मुद्रा में उतार-चढ़ाव से अधिक प्रभावित हो सकती हैं।
हिन्दुस्तान के संदर्भ में, मोदी का मानना है कि घरेलू मांग, कर सुधार और आरबीआई की लोन पॉलिसी आर्थिक वृद्धि को समर्थन देंगी। वैश्विक अस्थिरता के बावजूद, भारत में निवेश का प्रवाह बना रहेगा। यदि आरबीआई ब्याज दरों में फिर से कटौती करता है और सरकार अवसंरचना पर खर्च बढ़ाती है, तो 2025 तक हिन्दुस्तान दुनिया की शीर्ष तीन अर्थ प्रबंध में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।