Mom’s Dream :तेलंगाना की 38 वर्षीय मां ने बेटी के साथ NEET दिया

Mom’s Dream :तेलंगाना की 38 वर्षीय मां ने बेटी के साथ NEET दिया

Mom’s Dream 38 वर्षीय तेलंगाना मां ने बेटी के साथ दी NEET परीक्षा

जब सपनों को पूरा करने की बात आती है, तो उम्र सिर्फ एक संख्या रह जाती है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया तेलंगाना की एक Mom’s Dream ने, जब 38 वर्षीय एक मां ने अपनी बेटी के साथ NEET परीक्षा दी। यह कहानी न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि यह साबित करती है कि सीखने और आगे बढ़ने की कोई उम्र नहीं होती

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माँ का सपना ने क्यों लिया NEET का फैसला?

38 साल की इस मां ने बताया कि बचपन से उनका सपना था डॉक्टर बनने का। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों और परिस्थितियों के कारण वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं। अब जब उनकी बेटी NEET की तैयारी कर रही थी, उन्होंने भी ठान लिया कि इस Mom’s Dream को जिंदा करना है।

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“मेरे लिए यह सिर्फ एक परीक्षा नहीं, बल्कि अपने अधूरे सपनों को जीने का मौका है,” उन्होंने कहा।

Mom’s Dream :तेलंगाना की 38 वर्षीय मां ने बेटी के साथ NEET दिया
Mom’s Dream :तेलंगाना की 38 वर्षीय मां ने बेटी के साथ NEET दिया

बेटी के साथ परीक्षा देने का अनुभव

इस मां ने बेटी के साथ मिलकर सालभर मेहनत की। दोनों ने एक-दूसरे की मदद की, नोट्स शेयर किए, और साथ में मॉक टेस्ट दिए।

परीक्षा केंद्र पर भी दोनों एक-दूसरे का हौसला बढ़ाती दिखीं

माँ का सपना के तहत इस सफर के खास पल:

  • एक ही टेबल पर मां-बेटी की पढ़ाई
  • हर दिन का लक्ष्य तय करना
  • बेटी के सवालों का मां ने समाधान ढूंढा
  • एक-दूसरे को प्रेरित किया

Mom’s Dream: समाज के लिए एक मिसाल

इस 38 वर्षीय मां की कहानी आज कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है। उन्होंने यह दिखा दिया कि:

  • जिम्मेदारियों के बीच भी सपनों को जिंदा रखा जा सकता है
  • शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती
  • बेटियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चला जा सकता है
  • आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास का मार्ग हमेशा खुला रहता है

माँ का सपना से क्या सीखें?

यह कहानी बताती है कि अगर जज्बा हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।

हर महिला को अपने Mom’s Dream को पहचानने और उसे साकार करने की कोशिश करनी चाहिए।

मुख्य सीखें:
उम्र कभी बाधा नहीं होती
परिवार के साथ सपनों को साझा करें
आत्मविश्वास सबसे बड़ा हथियार है
कठिनाइयों से घबराएं नहीं

Mom’s Dream का अगला कदम

अब जब परीक्षा हो चुकी है, इस मां का कहना है कि वे रिजल्ट चाहे जो भी हो, वे अपनी पढ़ाई जारी रखेंगी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद अपनी बेटी के लिए रोल मॉडल बनना और समाज में एक सकारात्मक संदेश देना है।

“अगर मैं कर सकती हूं, तो और भी महिलाएं कर सकती हैं,” उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा।

माँ का सपना ने लाखों को दी प्रेरणा

38 वर्षीय इस तेलंगाना मां की कहानी हर उस इंसान के लिए मिसाल है जो सपनों को उम्र से जोड़कर देखता है। Mom’s Dream ने साबित कर दिया कि मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास से हर लक्ष्य को पाया जा सकता है

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