ऐतिहासिक वर्षा: रिकॉर्ड तोड़ बारिश
Rajasthan Weather : राजस्थान में इस वर्ष मानसून (Weather) ने 107 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश के कई हिस्सों में सामान्य से कहीं अधिक बारिश दर्ज की गई है, जिससे यह मानसून ऐतिहासिक बन गया है।
मानसून की विदाई कब?
- राज्य में मानसून की विदाई अब 20 सितंबर के बाद मानी जा रही है।
- सामान्यतः मानसून सितंबर के मध्य तक विदा ले लेता है,
- लेकिन इस बार अत्यधिक नमी और लगातार सक्रिय सिस्टम के कारण इसकी वापसी में देरी हो रही है।
Rajasthan Weather : राजस्थान (Rajasthan) में इस सीजन का मानसून ऐतिहासिक बन गया है। प्रदेश में 107 वर्ष बाद रिकॉर्ड तोड़ बारिश दर्ज की गई है। वर्ष 1917 में राजस्थान में 844.2 मिमी वर्षा हुई थी, जो अब तक का सर्वाधिक रिकॉर्ड था। इस वर्ष 2025 में मानसून सीजन के दौरान अब तक 693.1 मिमी बारिश दर्ज हो चुकी है और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग का कहना है कि इस बार औसत से अधिक वर्षा के कारण प्रदेश के सभी जिलों में जल स्तर में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अब मानसून धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगा है। 11 सितंबर के बाद से बारिश में तेज गिरावट देखने को मिलेगी। पश्चिमी हवाओं के प्रभाव से मानसून की गतिविधियां धीमी हो जाएंगी और 20 सितंबर के बाद प्रदेश से इसकी पूरी तरह विदाई की संभावना है।
मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार राज्य में भारी बारिश की गतिविधियों से मंगलवार से ही राहत मिलने की पूरी संभावना है. इसके अनुसार पूर्वी राजस्थान के कोटा, भरतपुर, जयपुर, अजमेर, उदयपुर संभाग के अधिकांश भागों में आगामी एक सप्ताह बारिश की गतिविधियों में गिरावट जारी रहने व केवल छुटपुट स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है। इसी तरह पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश भागों में भी आगामी दिनों में बारिश की गतिविधियों में तेजी से गिरावट होने व 11 सितंबर से अधिकांश भागों में आगामी एक सप्ताह मौसम मुख्यतः शुष्क रहने का अनुमान है. इसके अनुसार मंगलवार को बाड़मेर, जैसलमेर व आसपास के जिलों में कहीं-कहीं हल्की व मध्यम बारिश होने की संभावना है।
मानसून सीजन में प्रदेश में 23 जिलों में सामान्य से अत्यधिक, 17 जिलों में सामान्य से अधिक तथा 1 जिले में सामान्य वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में सीजन की सर्वाधिक वर्षा सिरोही जिले में हुई। यहां सीजन में कुल 2163 एमएम बारिश दर्ज की गई। वहीं सीजन में एक ही दिन में सर्वाधिक वर्षा बूंदी के नैनवा में 502 एमएम दर्ज की गई।
इस बार कई जिलों में अत्यधिक वर्षा हुई है, जिनमें शामिल हैं:
- कोटा
- भरतपुर
- अजमेर
- जयपुर
- बूंदी
- बाड़मेर और अन्य पश्चिमी जिले
कुछ जिलों में तो बारिश का आंकड़ा 1000 मिमी से अधिक तक पहुंच चुका है।
मानसून का असर
- खेती और जल भंडारण में सुधार: जलाशय भरे, कृषि को लाभ
- निचले इलाकों में जलभराव: कई शहरों में यातायात बाधित
- स्कूल-कॉलेज बंद: कुछ जिलों में भारी बारिश के कारण छुट्टियाँ
राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा किस मानसून से होती है?
राजस्थान Rajasthan Weather के पूर्वी भाग में पश्चिमी भाग की तुलना में काफी अधिक वर्षा होती है तथा राज्य की कुल वार्षिक वर्षा में दक्षिण-पश्चिमी मानसून का योगदान लगभग 91% होता है।
मानसून वर्षा किस दिशा में आगे बढ़ती है?
यह मानसून पश्चिमी दिशा से राजस्थान में प्रवेश करता है। पश्चिमी दिशा से प्रवेश करने के कारण इस मानसून को पश्चिमी विक्षोभ का मानसून कहा जाता है। यह मानसून राजस्थान के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में वर्षा लाता है।
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