National: इंडियन आर्मी का ‘आकाश’ पस्त हुआ पाकिस्तान !

By Vinay | Updated: July 17, 2025 • 4:31 PM

भारतीय सेना ने हाल ही में लद्दाख में आकाश प्राइम (Akash) मिसाइल रक्षा प्रणाली का सफल परीक्षण किया, जो भारत की हवाई रक्षा क्षमता को और मजबूत करता है। यह परीक्षण 15,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर किया गया, जहां इस मिसाइल ने हवाई लक्ष्यों पर सीधा और सटीक प्रहार किया।

आकाश प्राइम, भारत के स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम का उन्नत संस्करण है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। इस प्रणाली को विशेष रूप से उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के हवाई हमलों, जैसे लड़ाकू विमानों, ड्रोनों और मिसाइलों, को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

पूर्ववर्ती मॉडलों से उन्नत है ‘नया आकाश’

आकाश प्राइम मिसाइल प्रणाली में कई उन्नत तकनीकी विशेषताएं हैं, जो इसे अपने पूर्ववर्ती मॉडल से कहीं अधिक प्रभावी बनाती हैं। इसमें एक उन्नत सीकर सिस्टम शामिल है, जो मिसाइल को लक्ष्य पर अत्यधिक सटीकता के साथ प्रहार करने में सक्षम बनाता है।

क्या है इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर ?

यह सीकर सिस्टम रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर के साथ मिलकर काम करता है, जिससे यह जटिल हवाई लक्ष्यों को भी आसानी से ट्रैक और नष्ट कर सकता है। इसके अलावा, यह प्रणाली कम तापमान और पतली हवा जैसे कठिन पर्यावरणीय परिस्थितियों में भी प्रभावी ढंग से काम कर सकती है, जो इसे लद्दाख जैसे उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाता है।

मानवरहित हवाई लक्ष्य को किया सफलतापूर्वक नष्ट

परीक्षण के दौरान, आकाश प्राइम ने एक मानवरहित हवाई लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट किया, जिससे इसकी सटीकता और विश्वसनीयता का प्रदर्शन हुआ। यह प्रणाली 25 से 30 किलोमीटर की रेंज में लक्ष्य को भेद सकती है और एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने की क्षमता रखती है। यह भारतीय सेना की हवाई रक्षा को और सशक्त बनाएगी, खासकर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से उत्पन्न होने वाले खतरों के मद्देनजर।

यह सफलता भारत की स्वदेशी रक्षा तकनीक में एक बड़ा कदम है। आकाश प्राइम का विकास और तैनाती न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है, बल्कि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में भारत की स्थिति को भी मजबूत करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रणाली के शामिल होने से भारतीय सेना की रक्षा preparedness में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे संभावित दुश्मनों के लिए यह एक मजबूत चेतावनी है।

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आकाश मिसाइल का क्या काम है?

ऐसी ही एक छोटी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ‘आकाश’ थी, जो तनावपूर्ण समय के दौरान सीमा पार से दागे गए ड्रोन और मिसाइलों के खिलाफ अन्य हथियार प्रणालियों के साथ एक सुरक्षा कवच साबित हुई।

आकाश मिसाइल के जनक कौन है?

प्रहलाद रामाराव : आकाश वायु रक्षा के गौरवशाली पिता। रामाराव ने गर्व से देखा कि उनके द्वारा पाला गया यह बच्चा, ऑपरेशन सिंदूर (7-10 मई) के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइलों से भारत की संपत्ति की रक्षा करते हुए, प्रभावशाली युद्ध कौशल का प्रदर्शन कर रहा था।

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