पहले गुंजन को मारा, फिर किट्टो और मीरा को भी… पूरा गांव सदमे में
Uttar Pradesh : कहां की है ये घटना? यह दिल को झकझोर देने वाली वारदात (Uttar Pradesh) उत्तर प्रदेश के बागपत जिले की है। एक मां ने अपने तीन मासूम बच्चों की बेरहमी से हत्या कर दी और फिर खुदकुशी कर ली।
कौन-कौन थे बच्चे?
- गुंजन (बड़ा बेटा)
- किट्टो (मंझली बेटी)
- मीरा (सबसे छोटी बच्ची)
- तीनों की उम्र क्रमशः 10, 7 और 4 वर्ष बताई जा रही है।
Uttar Pradesh : उत्तर प्रदेश के बागपत जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने तीन मासूम बेटियों का कत्ल (murder) कर खुद भी जान दे दी। उसका पति कमरे के बाहर सो रहा था, लेकिन उसे इसकी भनक तक नहीं लगी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जानकारी में जुट गई है।
जानकारी के अनुसार, बागपत के टीकरी कस्बे की भोजपुरी पट्टी में महिला तेजकुमारी (29) ने अपनी तीन बेटियों गुंजन (7), किट्टो (2) और मीरा (5 माह) की चुनरी से गला घोंटकर हत्या कर दी और खुद ने उसी चुनरी के फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली। वारदात के समय उसका पति टूरिस्ट बस का चालक विकास घर के बाहर सोया हुआ था।
एसपी सूरज कुमार राय के अनुसार, विकास दिल्ली में ट्रैवल एजेंसी में टूरिस्ट बस चलाने के कारण काफी बार महीनों तक घर नहीं आता था, इसलिए पत्नी तेज कुमारी उसके साथ बच्चियों को लेकर दिल्ली में रहना चाहती थी। उसने विकास से कई बार इस बारे में कहा तो विकास ने आर्थिक स्थिति ठीक होने पर दिल्ली साथ लेकर जाने की बात कही थी।
दो दिन के लिए घर आया था पति

इसको लेकर विवाद होने के कारण ही तेज कुमारी द्वारा यह कदम उठाने की बात कही जा रही है। विकास कुमार सोमवार को दो दिन के लिए घर आया था। वह मंगलवार शाम अपने मकान के बाहरी हिस्से में पेड़ के नीचे सो गया था।
अंदर से बंद था कमरा
विकास ने बताया कि रात करीब नौ बजे वह नींद से जागकर मकान में अंदर कमरे में जाने लगा तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद मिला। उसने कई बार पत्नी और बच्चों को आवाज लगाकर दरवाजा खटखटाया। अंदर से कोई आवाज नहीं आने पर पुलिस को बुलाया।
दरवाजे के ऊपर रोशनदान से टॉर्च लगाकर अंदर देखा गया। कमरे में तीनों बच्चियों के शव पड़े हुए थे और तेजकुमारी फांसी के फंदे से लटकी हुई थी। पड़ोसी एक किशोर को रोशनदान से कमरे में उतारा गया।
हत्या का क्या अर्थ है?
आमतौर पर, हत्या में किसी विशिष्ट व्यक्ति को जानबूझकर नुकसान पहुँचाना शामिल होता है (चाहे वह हत्या करने, घायल करने या कोई गंभीर अपराध करने का इरादा हो)। लेकिन, कुछ कृत्य दूसरों के लिए इतने खतरनाक होते हैं कि समाज को लगता है कि मानव जीवन के मूल्य के प्रति व्यक्ति की अत्यधिक उदासीनता हत्या की सज़ा के लायक है।
हत्या कितने प्रकार की होती है?
हत्याओं को कई अतिव्यापी कानूनी श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है, जैसे कि हत्या , गैर इरादतन हत्या, न्यायोचित हत्या , युद्ध में हत्या ( युद्ध के कानूनों के अनुसार या युद्ध अपराध के रूप में), इच्छामृत्यु और मृत्युदंड , जो मृत्यु की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
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