अबू आज़मी को मुंबई कोर्ट ने चेताया कि वे भड़काऊ बयान देने से बचें, क्योंकि एक वरिष्ठ नेता के गैरज़िम्मेदाराना बयान दंगे भड़का सकते हैं.
महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी को मुंबई कोर्ट ने चेतावनी दी है. मुंबई कोर्ट ने कहा है कि अबू आजमी को किसी भी इंटरव्यू के दौरान संयम बरतना चाहिए, क्योंकि उनके जैसे वरिष्ठ नेता का ‘गैर-जिम्मेदाराना’ बयान दंगे भड़काने की क्षमता रखता है.
एडिशनल सेशंस जज वीजी रघुवंशी ने अबू आजमी को फटकार लगाते हुए उनकी अग्रिज जमानत याचिका अर्जी स्वीकार करते हुए उन्हें बेल दे दी है. दरअसल, मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ करने के मामले में अबू आजमी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
अबू आजमी को हिरासत में लेने की जरूरत नहीं- कोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस वीजी रघुवंशी ने कहा कि अबू आजमी का अपराध एक इंटरव्यू के दौरान दिए गए कुछ बयानों से जुड़ा हुआ है. ऐसे में सपा विधयाक को पुलिस हिरासत में लिए जाने की या उनसे पूछताछ करने की जरूरत नहीं है. इसके चलते अबू आजमी को अग्रिम जमानत दे दी जा रही है.
एक राजनेता होने के नाते समझें जिम्मेदारी- कोर्ट
कोर्ट ने नोट किया कि अबू आजमी राजनीति से जुड़े हैं और एक बिजनेसमैन भी हैं. ऐसे में यह संभव नहीं है कि वह न्याय की राह से भाग जाएं. जमानत अर्जी मंजूर करते हुए कोर्ट ने अबू आजमी को एक बार फिर चेतावनी दी कि इंटरव्यू देते समय संयम बनाए रखें और मौजूदा परिस्थितियों का भी ध्यान रखें और उनका सम्मान करें. कोर्ट ने कहा, “हमें उम्मीद है कि एक राजनेता होने के नाते याचिकाकर्ता अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे.”
अबू आजमी ने क्या कहा था?
जानकारी के लिए बता दें कि मानखुर्द-शिवाजी नगर से विधायक अबू आजमी के खिलाफ यह केस बीते सप्ताह दर्ज किया गया था. महाराष्ट्र सपा अध्यक्ष अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब के राज में हिन्दुस्तान की सीमाएं अफगानिस्तान और बरमा तक जाती थीं. उस दौरान देश का जीडीपी दुनियाभर की जीडीपी का 24 फीसदी था.