मुंडेश्वरी देवी मंदिर: बिहार के कैमूर जिले की पहाड़ियों पर स्थित मुंडेश्वरी देवी देवस्थान न सिर्फ एक शक्तिपीठ है, बल्कि यह देश के सबसे प्राचीन देवस्थानो में से एक माना जाता है। लगभग 600 फीट की ऊँचाई पर स्थित यह देवालय आज भी आस्था और रहस्य का केंद्र बना हुआ है।
अद्भुत बलि प्रथा: बिना मौत के बलिदान
यहां की सबसे विशिष्ट बात यह है कि लोग इच्छा पूरी होने पर जानवरों की बली चढ़ाते हैं, लेकिन किसी की कत्ल नहीं होती। पुजारी अक्षत फेंकते हैं और जानवर तुरंत मूक होकर गिर जाता है, मानो प्राण निकल गए हों। कुछ ही देर बाद वह सचेत होकर खुद चलकर बाहर निकल जाता है, जिसे लोग देवी का चमत्कार मानते हैं।

माता का इतिहास: चण्ड-मुण्ड वध का स्थान
स्वीकृति है कि इस स्थान पर मां दुर्गा ने चण्ड-मुण्ड नामक राक्षसों का वध किया था, इसलिए देवी का नाम मुंडेश्वरी पड़ा। यहां का माहौल शक्तिपूजन और तंत्र-साधना के लिए भी मशहूर है।

मुंडेश्वरी देवी मंदिर: पंचमुखी शिवलिंग का रहस्य
देवालय में भगवान शिव का पंचमुखी शिवलिंग भी स्थापित है, जिसकी विशेष बात यह है कि यह शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। वैज्ञानिक इसकी वजह नहीं बता पाए हैं, लेकिन भक्त इसे ईश्वर का संकेत मानते हैं।

मुंडेश्वरी देवी मंदिर-धार्मिक और पर्यटन महत्व
मुंडेश्वरी देवी देवालय में सालभर भक्तओं की भीड़ लगी रहती है, विशेष रूप से नवरात्रों में। देवालय के आस-पास का प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक महत्व इसे धार्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र बनाता है।