इस्लामाबाद/नई दिल्ली, 19 सितंबर 2025: पाकिस्तान (Pakistan) के पंजाब प्रांत (Punjab) के मुरिदके इलाके से लश्कर-ए-तैयबा का चौंकाने वाला सच एक बार फिर सामने आया है। लश्कर के कमांडर कासिम का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उसने साफ कहा कि “यहीं से कई आतंकी निकले हैं”। यह बयान पाकिस्तान के उस लंबे झूठ को बेनकाब करता है, जिसमें वह आतंकी कैंपों के अस्तित्व से लगातार इनकार करता रहा है।
कासिम का कबूलनामा और बड़ा दावा
वीडियो में कासिम ध्वस्त मरकज-ए-तैयबा कैंप के सामने खड़ा दिखाई देता है। यह वही केंद्र है जिसे भारत की ऑपरेशन सिंदूर कार्रवाई में निशाना बनाया गया था। उसने स्वीकार किया कि इस कैंप से न सिर्फ लश्कर बल्कि तालिबान के लड़ाकों को भी प्रशिक्षण दिया गया। और चौंकाने वाली बात यह है कि कासिम ने ऐलान किया— “नया कैंप पहले से भी बड़ा बनेगा”। उसने युवाओं को खुलेआम उकसाते हुए कहा कि वे ‘दौर-ए-सुफ्फा’ नामक प्रोग्राम से जुड़ें, जो धार्मिक शिक्षा के नाम पर चलाया जाता है लेकिन वास्तव में उसमें हथियार चलाने और जिहादी विचारधारा का ब्रेनवॉश कराया जाता है।
मुरिदके: आतंक की फैक्ट्री
मुरिदके का यह केंद्र 1990 के दशक से आतंकी गतिविधियों का अड्डा माना जाता रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यहां तैयार किए गए कई आतंकी भारत में बड़े हमलों में शामिल रहे। लश्कर के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी ने हाल ही में भारत को धमकाते हुए कहा था कि “जम्मू-कश्मीर हमारा होगा और यहां के डैम भी हमारे होंगे”। यह बयान इस कैंप की रणनीतिक अहमियत को और उजागर करता है।
पाकिस्तान की सरकार पर सवाल
हालांकि पाकिस्तानी हुकूमत और सेना हमेशा से इन दावों को नकारती रही है, लेकिन कासिम जैसे आतंकी सरगना के बयान से साफ होता है कि इन कैंपों की जड़ें कितनी गहरी हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान कई बार आतंकवाद का पनाहगार घोषित किया जा चुका है। अब यह वीडियो अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र जैसे संगठनों के लिए पाकिस्तान पर और दबाव बनाने का आधार बन सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया और बढ़ता खतरा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस वीडियो पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा— “यह पाकिस्तान की आतंक फैक्ट्री की पोल खोलता है, वह शांति की बातें करता है लेकिन आतंकी तैयार करता है।”
भारत को आशंका है कि यदि नया कैंप खड़ा किया गया तो कश्मीर घाटी और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न होगा।
वैश्विक असर
यह कबूलनामा ऐसे वक्त आया है जब भारत-पाक संबंध पहले ही तनावपूर्ण हैं। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि पाकिस्तान इन आतंकी ढांचों को फिर से खड़ा करता है, तो दक्षिण एशिया में अस्थिरता और बढ़ सकती है।
कुल मिलाकर, कासिम का खुलासा पाकिस्तान की दोहरे चेहरे वाली नीति को उजागर करता है। भारत के लिए यह चेतावनी है कि उसे कूटनीतिक स्तर पर और ज्यादा सक्रिय होना पड़ेगा और वैश्विक मंच पर पाकिस्तान को बेनकाब करने की कोशिश तेज करनी होगी।
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