नई दिल्ली । मशरूम स्वाद और पोषण देने के साथ-साथ औषधीय गुणों के लिए भी मशहूर है। इसमें पाए जाने वाले बायो-एक्टिव कम्पाउंड जैसे बीटा-ग्लूकान (Beta-Glukan) और लेक्टिन कोशिकाओं को असामान्य रूप से बढ़ने से रोकते हैं।
इम्यून सिस्टम मजबूत करता है
एक्सपर्ट्स का कहना है कि मशरूम इम्यून सिस्टम (Mashroom Imune System) को मजबूत बनाता है और शरीर में एंटीऑक्सीडेंट का स्तर बढ़ाता है। यह फ्री रेडिकल्स के असर को कम करता है, जो कैंसर (Cancer) कोशिकाओं के बनने की प्रमुख वजह माने जाते हैं। खासकर ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में इसके सकारात्मक नतीजे देखे गए हैं।
औषधीय मशरूम का प्राचीन उपयोग
विशेषज्ञों के अनुसार मशरूम का औषधीय उपयोग सदियों से किया जा रहा है। एशियाई देशों में शीताके, रीशी और टर्की टेल मशरूम को औषधीय भोजन माना जाता है। इनमें मौजूद पॉलीसैकेराइड्स, बीटा-ग्लूकान और एर्गोथायोनीन जैसे यौगिक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को सक्रिय करते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने की ताकत देते हैं।
रीशी और शीताके मशरूम : कैंसर विरोधी गुण
- रीशी मशरूम को ‘किंग ऑफ हर्ब्स’ कहा जाता है, क्योंकि यह कैंसर कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हुए स्वस्थ कोशिकाओं को सुरक्षित रखता है।
- शीताके मशरूम में मौजूद लेंटिनन यौगिक एंटी-ट्यूमर गुणों के लिए जाना जाता है।
- जापान में टर्की टेल मशरूम कैंसर मरीजों को इम्यूनोथेरेपी सप्लीमेंट के रूप में दिया जाता है।
फ्री रेडिकल्स और सर्वाइकल कैंसर
सर्वाइकल कैंसर के मामलों में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस अहम भूमिका निभाता है। जब शरीर में फ्री रेडिकल्स की मात्रा बढ़ती है तो कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। मशरूम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट इस समस्या को कम करते हैं। इनमें पाया जाने वाला एर्गोथायोनीन कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है और उनके पुनर्निर्माण में मदद करता है।
प्राकृतिक हथियार के रूप में मशरूम
यही कारण है कि विशेषज्ञ मशरूम को कैंसर के खिलाफ एक प्रभावी प्राकृतिक हथियार मानते हैं। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर सबसे आम और खतरनाक बीमारियों में गिना जाता है। आधुनिक चिकित्सा में कीमोथेरपी, रेडियोथेरपी और सर्जरी जैसे उपचार मौजूद हैं, लेकिन इनके गंभीर साइड इफेक्ट मरीजों को कमजोर बना देते हैं।
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