हैदराबाद : तेलंगाना (Telangana) के आईटी एवं उद्योग मंत्री दुदिल्ला श्रीधर बाबू (Sridhar Babu) ने शनिवार को मूसी नदी के पुनरुद्धार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि विरोध के बावजूद इस परियोजना से “पीछे हटने” का कोई इरादा नहीं है। “जब भी कोई अच्छी पहल की जाती है, तो हमेशा कुछ ताकतें उसे रोकने की कोशिश करती हैं। मूसी के मामले में भी यही सच है। लेकिन आने वाली पीढ़ियों के लिए, हम इस मिशन को पूरा करेंगे। तेलंगाना जल संसाधन संरक्षण में एक आदर्श के रूप में खड़ा होगा।”
आईटीपीआई के दक्षिण क्षेत्र सम्मेलन का उद्घाटन
वे नगर के एक होटल में आईटीपीआई तेलंगाना क्षेत्रीय अध्याय द्वारा आयोजित इंस्टीट्यूट ऑफ टाउन प्लानर्स इंडिया (आईटीपीआई) के दक्षिण क्षेत्र सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे। सम्मेलन का विषय था “जैव-प्रेमी शहरीकरण की दिशा में नीतियाँ और रणनीतियाँ।” मंत्री श्रीधर बाबू ने इस बात पर ज़ोर दिया कि शहरी नियोजन आर्थिक समृद्धि की नींव रखता है और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सच्चा विकास पर्यावरणीय स्थिरता के साथ-साथ चलना चाहिए।
सिर्फ़ इमारतें बनाना ही विकास नहीं है : मंत्री
उन्होंने कहा, “सिर्फ़ इमारतें बनाना ही विकास नहीं है। हमारी हर नीति, हर जंगल जो हम बचाते हैं, हर नदी जो हम पुनर्जीवित करते हैं, और हर आजीविका जो हम बनाते हैं – ये सभी अंतर-पीढ़ीगत न्याय के कार्य हैं।” मंत्री ने बताया कि तेलंगाना ने शहरी हरियाली विस्तार, कार्बन-तटस्थ विकास, जल संरक्षण और सतत परिवहन में पहले ही राष्ट्रीय मानक स्थापित कर दिए हैं।
शहरों के डिज़ाइन में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर ज़ोर
उन्होंने जलवायु-अनुकूल शहरों के डिज़ाइन में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर ज़ोर दिया और ऐसी योजना बनाने का आह्वान किया जो जलवायु परिवर्तन, शहरी बाढ़, प्रदूषण, भूजल स्तर में कमी, घटते हरित क्षेत्र और तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण को ध्यान में रखे। सम्मेलन में आईटीपीआई के अध्यक्ष एन.के. पटेल, महासचिव कुल श्रेष्ठ, समन्वयक (टेक्नो एडमिन) प्रदीप कुमार, आईटीपीआई तेलंगाना क्षेत्रीय अध्याय के अध्यक्ष एस. देवेंद्र रेड्डी और सचिव के. मुरलीधर रेड्डी के साथ-साथ कई नगर नियोजक और नीति विशेषज्ञ शामिल हुए।
मूसी नदी पुनरुद्धार परियोजना को लेकर सरकार की क्या प्राथमिकता है?
सरकार मूसी नदी के पुनरुद्धार को एक महत्वपूर्ण मिशन मानती है और इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विरोध के बावजूद, इस परियोजना से पीछे हटने का कोई इरादा नहीं है।
इस परियोजना में मुख्य बाधाएं क्या हैं?
जब भी कोई सकारात्मक और दीर्घकालिक बदलाव की पहल की जाती है, कुछ ताकतें उसका विरोध करती हैं। मूसी परियोजना के साथ भी यही हो रहा है, लेकिन सरकार इन बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ेगी।
मूसी नदी पुनरुद्धार से आम जनता को क्या लाभ होंगे?
यह परियोजना न केवल पर्यावरण को बेहतर बनाएगी, बल्कि जल संरक्षण, स्वच्छता और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक टिकाऊ जीवन शैली का मार्ग प्रशस्त करेगी। तेलंगाना जल संसाधन संरक्षण में एक मिसाल बनेगा।
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