Myanmar Earthquake:म्यांमार में फिर भूकंप के झटके, रात में कांपी धरती

Myanmar Earthquake:म्यांमार में फिर भूकंप के झटके, रात में कांपी धरती

म्यांमार में फिर भूकंप के झटके, रात में कांपी धरती

म्यांमार एक बार फिर भूकंप के झटकों से दहल उठा। यह भूकंप गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात को महसूस किया गया, जिसने लोगों की नींद उड़ा दी और पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।

Myanmar Earthquake:म्यांमार में फिर भूकंप के झटके, रात में कांपी धरती
Myanmar Earthquake

भूकंप की तीव्रता और केंद्र इन Myanmar

Myanmar के भौगोलिक सर्वेक्षण विभाग के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता 5.6 मापी गई। इसका केंद्र सगाइंग रीजन के पास ज़मीन से करीब 10 किलोमीटर नीचे बताया गया है। हल्के से मध्यम श्रेणी के इस भूकंप के झटके आसपास के कई शहरों में भी महसूस किए गए।

आधी रात को आया झटका

रात करीब 1:45 बजे लोगों ने झटके महसूस किए। जैसे ही धरती हिली, लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए। भूकंप का कंपन कुछ सेकंड तक महसूस किया गया लेकिन उसकी तीव्रता इतनी थी कि सोते हुए लोग भी जाग उठे।

जान-माल के नुकसान की स्थिति

अब तक की खबरों के अनुसार किसी बड़े जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई इलाकों में घरों की दीवारों में दरारें आई हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव दल को अलर्ट पर रखा है। कुछ पुराने भवनों में हल्का-फुल्का नुकसान बताया जा रहा है।

भूकंपीय क्षेत्र में आता है Myanmar

म्यांमार भौगोलिक दृष्टि से एक भूकंपीय सक्रिय क्षेत्र (Seismic Zone) में आता है। यहां अक्सर हल्के या मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। इससे पहले भी बीते 6 महीनों में म्यांमार में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

पड़ोसी देशों में भी असर

भूकंप का असर बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत (मिजोरम, मणिपुर) और थाईलैंड तक महसूस किया गया। हालांकि भारत के किसी भी हिस्से में नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

सरकार की अपील

म्यांमार की सरकार ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है। साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि संभावित आफ्टरशॉक्स के लिए पूरी तैयारी रखें।भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जो किसी भी समय दस्तक दे सकती है। म्यांमार में बार-बार आ रहे झटकों ने लोगों को सतर्क कर दिया है। यह जरूरी है कि ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोग हमेशा आपदा से निपटने के लिए तैयार रहें। भले ही इस बार बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन सतर्कता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है।

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