सहकारी समिति पहुँच गए और अपनी बारी का इंतज़ार करने लगे किसान
नारायणपेट। यहां के मकथल कस्बे में विभिन्न गांवों के किसान यूरिया (Uria) के लिए लंबी कतारों में खड़े हैं। पासबुक लिए ये किसान सुबह-सुबह प्राथमिक कृषि सहकारी समिति पहुँच गए और अपनी बारी का इंतज़ार करने लगे। कतार में खड़े-खड़े थककर चूर हो चुके किसानों ने कतार में अपनी बारी आने का संकेत देने के लिए पत्थर और जूते रख दिए हैं। पशुपालन मंत्री वी. श्रीहरि के निर्वाचन क्षेत्र में यह स्थिति होने से किसान (Farmer) नाराज हैं।
अलग-अलग जगहों पर देखने को मिले ऐसे ही नज़ारे
उन्होंने आरोप लगाया कि निजी व्यापारी अपने गोदामों में पर्याप्त यूरिया स्टॉक बनाए हुए हैं और कमी का हवाला देकर इसे अत्यधिक कीमतों पर बेच रहे हैं। उन्होंने कृषि सहकारी समिति से पर्याप्त यूरिया उपलब्ध कराने की मांग की और विरोध प्रदर्शन की धमकी दी। राज्य में अलग-अलग जगहों पर भी ऐसे ही नज़ारे देखने को मिले। किसान राज्य सरकार पर खेती के मौसम से पहले पर्याप्त यूरिया स्टॉक उपलब्ध कराने में नाकाम रहने के लिए नाराज़ हैं।
हम 10 दिनों से इंतज़ार कर रहे हैं
हनमकोंडा के परकल स्थित कृषि बाज़ार में पुरुष और महिलाएं लंबी कतारों में खड़े हैं। लंबी कतारों में खड़े किसानों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में, एक महिला किसान कहती हुई दिखाई दे रही है, ‘हम 10 दिनों से इंतज़ार कर रहे हैं। यूरिया की कमी के कारण हमने अभी तक खेतों में खेती शुरू नहीं की है। सरकार को यूरिया की आपूर्ति के बारे में स्पष्ट घोषणा करनी चाहिए, अगर पर्याप्त यूरिया नहीं मिला तो हम इस मौसम में खेती नहीं करेंगे।’

किसान का पूरा अर्थ क्या होता है?
वह व्यक्ति होता है जो कृषि कार्य करके अपना जीवन यापन करता है। वह भूमि जोतकर, बीज बोकर, फसल उगाकर अन्न, सब्जी, फल आदि का उत्पादन करता है। किसान देश की खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करता है और अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाता है।
किसान की परिभाषा क्या है?
वह होता है जो खेती करता है या कृषि से संबंधित कार्यों में लगा होता है। वह स्वयं खेत में कार्य करता है या अपनी भूमि पर खेती करवाता है। किसान फसल उत्पादन, पशुपालन, बागवानी जैसे कार्यों के जरिए कृषि क्षेत्र में योगदान देता है।
किसान कितने प्रकार के होते हैं?
किसानों को भूमि स्वामित्व और उत्पादन के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। मुख्यतः तीन प्रकार के किसान होते हैं: सीमांत किसान (0-1 हेक्टेयर भूमि), लघु किसान (1-2 हेक्टेयर), और बड़े किसान (2 हेक्टेयर से अधिक भूमि)। इसके अलावा भूमिहीन कृषि मजदूर भी किसान की श्रेणी में आते हैं।
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