Latest Hindi News : 6 करोड़ मृतकों के सक्रिय आधार नंबर से योजनाओं में बड़े घोटाले की आशंका

By Anuj Kumar | Updated: November 14, 2025 • 11:14 AM

नई दिल्ली। देश में आधार कार्ड (Aadhar Card) जारी होने के 15 साल बाद भी मृतकों के आधार निष्क्रिय न होने से बड़ी गड़बड़ियों की आशंका बढ़ गई है। अब तक 142 करोड़ से अधिक आधार जारी किए जा चुके हैं, लेकिन अनुमानित 8 करोड़ मृतकों में से केवल 1.83 करोड़ के कार्ड ही डीएक्टिवेट हो पाए हैं। करीब 6 करोड़ मृतकों के आधार अब भी सक्रिय हैं, जिससे बैंक धोखाधड़ी, फर्जी खातों और सरकारी योजनाओं में अनियमितता के जोखिम बढ़ गए हैं।

यूआईडीएआई के पास 1.55 करोड़ मृतकों का डेटा

यूआईडीएआई सीईओ भुवनेश कुमार (Bhuvnesh Kumar) के अनुसार महापंजीयक से अब तक 1.55 करोड़ मृतकों के रिकॉर्ड मिले हैं। नवंबर 2024 से सितंबर 2025 के बीच 38 लाख नए रिकॉर्ड जुड़े। इनमें से 1.17 करोड़ आधार निष्क्रिय कर दिए गए हैं। अनुमान है कि दिसंबर तक 2 करोड़ आधार कार्ड डीएक्टिवेट हो जाएंगे।

मृत्यु सूचना पोर्टल शुरू, लेकिन प्रतिक्रिया बेहद कम

चार महीने पहले यूआईडीएआई (UIDAI) ने वेबसाइट पर मृत्यु सूचना पोर्टल शुरू किया था ताकि परिजन मृतक का आधार ऑनलाइन निष्क्रिय करा सकें। अब तक केवल 3,000 लोगों ने जानकारी अपलोड की है। इनमें से सिर्फ 500 मामलों की पुष्टि के बाद कार्ड डीएक्टिवेट हुए हैं।

8 करोड़ अनुमानित मौतें, डेटा संग्रह अभी अधूरा

आधार की शुरुआत 2010 में हुई, लेकिन 2016 से अब तक लगभग 8 करोड़ आधार धारकों की मौत का अनुमान है। सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम से केवल 25 राज्यों का डेटा मिल रहा है, बाकी राज्यों से जानकारी जुटाई जा रही है।

सीईओ के अनुसार:

48 लाख रिकॉर्ड मैच नहीं हुए, 80 लोग मृत घोषित होकर भी जीवित मिले

कुल 48 लाख रिकॉर्ड आधार डेटा से मैच नहीं हो सके। 4–5% रिकॉर्ड क्षेत्रीय भाषा में दर्ज होने के कारण मेल नहीं खा पाए। जांच में 80 ऐसे मामले सामने आए जिनमें मृत घोषित किए गए लोग वास्तव में जीवित पाए गए। इन पर जांच जारी है।

8.30 लाख आधार धारक 100+ उम्र वाले, पर पुष्टि बहुत कम

यूआईडीएआई के डेटाबेस में

इनमें से राज्यों ने केवल 3,086 मामलों की पुष्टि की, जिनमें—

बैंकों, पीडीएस और पेंशन में मृतकों के सक्रिय खाते

आधार कार्ड का जनक कौन था?

आधार कार्ड के “जनक” के रूप में इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को जाना जाता है, जिन्हें यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के पहले अध्यक्ष के रूप में इस परियोजना का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था। वहीं, देश का पहला आधार कार्ड रंजना सोनवणे को दिया गया था, जो आधार की शुरुआत का प्रतीक थीं

Read More :

# UIDAI news #Aadhar Card news #Bhuvnesh Kumar News #Breaking News in Hindi #Civil Registration News #Latest news #Online news