उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक युवक की ट्रेन (Train) की चपेट में आने से मौत हो गई. वह अपनी भैंस को बचाने के लिए ट्रेन की पटरी पर दौड़ा था, जिसके पीछे उसका पालतू कुत्ता भी दौड़ पड़ा. तभी ट्रेन आ गई और युवक और उसका कुत्ता दोनों ट्रेन की चपेट में आ गए. हालांकि, जिस भैंस को बचाने के लिए युवक दौड़ रहा था. उसकी जान बच गई. क्योंकि वह पहले ही पटरी हट गई थी।
ये मामला नंदगंज थाना क्षेत्र के वाराणसी बलिया रेलखंड से सामने आया है, जहां पर (Chhath Puja) छठ पूजा के दिन एक युवक पूजा की तैयारी करने के बाद सोने के लिए अपने डेरे पर गया. तभी उसकी भैंस खूंटा तोड़कर दौड़ने लगी और उस वक्त पैसेंजर ट्रेन आ रही थी. ट्रेन को देखते हुए भैंस को बचाने के लिए युवक उसके पीछे दौड़ पड़ा और युवक के पीछे उसका पालतू कुत्ता दौड़ने लगा, लेकिन भैंस तो बच गई, पर युवक और कुत्ते की ट्रेन से कटकर मौत हो गई।
खूंटा तोड़कर भागी भैंस
मृतक की पहचान कुसुम्हीं कलां के बंधवा के पास रहने वाले धनेश्वर यादव के रूप में हुई है. उसके घर पर छठ पूजा का आयोजन था. इस बीच वो पूजा की सामग्री लेकर घर आया था. रात में भोजन करने के बाद वो रोज की तरह घर से कुछ पर स्थित डेरे पर सोने चला गया।
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तभी उसकी भैंस खूंटा तोड़कर रेलवे पटरी की तरफ भाग निकली. उस वक्त पैसेंजर ट्रेन आ रही थी. ये देख धनेश्वर की नींद खुल गई और वो उसे बचाने के लिए दौड़ पड़ा. अपने मालिक को दौड़ते देख उसका पालतू कुत्ता भी दौड़ा और उसी समय ट्रेन दोनों को काटते हुए निकल गई, जबकि इस घटना में भैंस बच गई।
पालतू कुत्ते और युवक की मौत
घटना के बाद युवक और उसके कुत्ते दोनों की मौत हो गई. संतान के लिए व्रत रखे जाने के पहले ही बेटे की मौत के बाद मां अशरफी देवी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. धनेश्वर चार भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटा था. धनेश्वर की दो बेटियां और एक बेटा है. उसकी मौत के बाद सभी परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. सोमवार को छठ पर्व की खुशियों की जगह पूरे घर में मातम पसरा गया।
ट्रेन की चपेट में आने वाला पहला व्यक्ति कौन था?15 सितंबर 1830
इस कार्यक्रम में स्थानीय सांसद, माननीय विलियम हस्किसन की मृत्यु भी शामिल थी, जो एक इंजन के नीचे गिरकर मर गए। वे ट्रेन की चपेट में आने वाले पहले व्यक्ति थे।
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