Latest News Jabalpur : दुर्गा पंडाल के बाहर लाइटों में करंट फैलने से हादसा

By Surekha Bhosle | Updated: September 25, 2025 • 12:01 PM

आरती में जाते समय दो बच्चों की जान गई

मध्यप्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) में देशभर में इस समय दुर्गा पूजा (Durga Puja) धूम धाम से मनाई जा रही है. जगह-जगह दुर्गा पंडाल तैयार हो चुके हैं. इसी दौरान मध्यप्रदेश के जबलपुर Jabalpur में एक दर्दनाक होदसा हो गया. यहां पूजा पंड़ाल के बार लगी लाइटों में करंट दौड़ रहा था. इस दौरान वहां से गुजर रहे दो बच्चे करंट की चपेट में आ गए. जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. मृतकों की पहचान 8 वर्षीय आयुष झारिया और 10 वर्षीय वेद श्रीवास के रूप में हुई है. घटना बुधवार शाम उस वक्त हुई जब दोनों बच्चे आरती में शामिल होने पंडाल जा रहे थे

घटना जबलपुर Jabalpur के तिलवारा थाना क्षेत्र के बरगी हिल्स की है. बताया जा रहा है कि पंडाल के बाहर समिति द्वारा लगाई गई बिजली की झालरों के खंभे में करंट दौड़ रहा था, जिसकी चपेट में आते ही दोनों बच्चे गिर पड़े और मौके पर ही उनकी मौत हो गई. दोनों बच्चों को मेडिकल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

घटना के बाद पूरे इलाके में मातम का माहौल है. मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक वेद श्रीवास के पिता विपिन श्रीवास ने फूट-फूटकर कहा कि यह हादसा समिति और बिजली विभाग की लापरवाही का नतीजा है।

उन्होंने बताया कि उनका बेटा उनका इकलौता सहारा था, जिसे इस समिति और बिजली विभाग की लापरवाही ने छीन लिया. पिता ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी कि यदि न्याय नहीं मिला तो वे आंदोलन करेंगे।

जांच में क्या?

मामले में जांच के बाद सिटी चीफ इंजीनियर सी.बी. अरोरा ने स्पष्ट किया कि समिति को पंडाल की बिजली की अनुमति दी गई थी. बाहर लगाई गई झालरों और लाईटों की अनुमति नहीं ली गई थी. बिजली विभाग की अनुमति केवल पंडाल के अंदर तक सीमित थी. बाहर लगाई गई लाइट पूरी तरह अवैध थी. शुरुआती जांच में समिति और लाइट ठेकेदार की लापरवाही पाई गई है।

दो दिन पहले भी हुआ था हादसा

Jabalpur : पुलिस के मुताबिक यह पहला हादसा नहीं है जब इस तरहा की घटना हुई. सीएसपी आशीष जैन ने बताया कि इससे दो दिन पहले शारदा चौक स्थित एक अन्य दुर्गा पंडाल में भी करंट लगने से 20 वर्षीय युवक की मौत हो गई. यानी केवल दो दिनों के भीतर पंडालों में लापरवाही के कारण तीन लोगों की जान जा चुकी है।

परिजनों को आर्थिक सहायता

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम अनुराग सिंह, बिजली विभाग और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई. प्रशासन ने तत्काल राहत देते हुए दोनों बच्चों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

लोक निर्माण मंत्री ने जताया शोक

इस दर्दनाक हादसे पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने इसे हृदय विदारक घटना बताते हुए कहा कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी. मंत्री सिंह ने कलेक्टर राघवेंद्र सिंह से बातचीत कर तुरंत पीड़ित परिवारों के लिए रेड क्रॉस से दो-दो लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि स्वीकृत करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने घोषणा की कि इस पूरे मामले की जांच के लिए विशेष टीम गठित की जाएगी. ताकि, दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो।

भारत का सबसे पुराना दुर्गा पंडाल कौन सा है?

पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर में दुर्गा पूजा का एक अनोखा और महत्वपूर्ण स्थान है। इस ज़िले में राजबाड़ी दुर्गा पूजा होती है, जिसे मृणमयी माँ एर पूजा के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी शुरुआत 994 ईस्वी में हुई थी। यह इसे पूरे बंगाल क्षेत्र, जिसमें वर्तमान बांग्लादेश, ओडिशा और त्रिपुरा शामिल हैं, की सबसे प्राचीन दुर्गा पूजा बनाती है।

भारत का सबसे बड़ा दुर्गा मंदिर कौन सा है?

दुर्गा मंदिर, भारत के कर्नाटक राज्य के ऐहोल में स्थित एक प्रारंभिक आठवीं शताब्दी का हिंदू मंदिर है। मूल रूप से सूर्य को समर्पित, यह ऐहोल में सबसे अलंकृत और सबसे बड़े उभरा हुआ पैनल है जिस पर शैव, वैष्णव, शाक्त और वैदिक देवताओं की कलाकृतियाँ अंकित हैं।

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