Latest News-Jaipur : जयपुर के SMS ट्रॉमा सेंटर के ICU में हादसा

By Surekha Bhosle | Updated: October 6, 2025 • 11:07 AM

8 मरीजों की दर्दनाक मौत

जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार देर रात आग लग गई। हादसे में 8 मरीजों की मौत हो गई। इनमें 3 महिलाएं शामिल हैं।

रात 11 बजकर 20 मिनट पर यह आग ट्रॉमा सेंटर (Trauma Center) के न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर में लगी। यहां पेपर, आईसीयू का सामान और ब्लड सैंपलर ट्यूब रखे थे

जयपुर ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर और सीनियर डॉक्टर ने बताया कि शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका है। हादसे के समय आईसीयू में 11 मरीज थे। उसके बगल वाले आईसीयू में 13 मरीज थे। वहीं, इस अग्निकांड की जांच के लिए शासन स्तर पर 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।

फायरकर्मी बोला- पूरा वार्ड धुएं से भरा था

फायर विभाग के कर्मचारी अवधेश पांडे ने भास्कर को बताया कि अलार्म बजते ही टीम मौके पर पहुंची। पूरे वार्ड में धुआं भर चुका था। अंदर जाने का कोई रास्ता नहीं था। ऐसे में बिल्डिंग की दूसरी ओर से खिड़की के कांच उतारकर पानी की बौछार मारी गई। आग पर काबू पाने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगा। सभी मरीजों को बेड समेत बाहर सड़क पर शिफ्ट किया गया।

मरीज के परिजन बोले- 20 मिनट पहले ही बता दिया था, किसी ने ध्यान नहीं दिया

भरतपुर के रहने वाले शेरू ने बताया कि आग भड़कने से 20 मिनट पहले धुआं निकलना शुरू हुआ था। हमने स्टाफ को बताया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। रात 11:20 बजे तक धुआं बढ़ने लगा और प्लास्टिक की ट्यूब पिघलकर गिरने लगी। मौके पर मौजूद वार्ड बॉय वहां से भाग निकले।

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शेरू ने बताया कि हमने खुद ही अपने पेशेंट को मुश्किल से बाहर निकाला। हादसे के दो घंटे बाद पेशेंट को ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया गया। अब तक यह जानकारी नहीं है कि उनकी क्या स्थिति है। हमें मिलने नहीं दिया जा रहा है।

जयपुर में आग कैसे लगी?

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आग लगने का क्या कारण था?

दहन एक रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें किसी ऊर्जा स्रोत की उपस्थिति में एक दहनशील पदार्थ या ईंधन का ऑक्सीकरण एक ऑक्सीकरण एजेंट द्वारा किया जाता है । आग स्वाभाविक रूप से तीन तत्वों की परस्पर क्रिया से उत्पन्न होती है, जिसे अग्नि त्रिकोण भी कहा जाता है। दहनशील पदार्थ लकड़ी, गैसोलीन, इथेनॉल, प्लास्टिक आदि हो सकते हैं…

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