उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन (Iqra Hasan) को लेकर एक बड़ा विवाद सुर्खियों में है। करणी सेना (Karni Sena) के कथित राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ठाकुर योगेंद्र सिंह राणा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो और पोस्ट के जरिए इकरा हसन को निकाह का प्रस्ताव दिया, जिसे आपत्तिजनक और महिला सम्मान के खिलाफ माना गया। इस बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है, और अब मुरादाबाद पुलिस ने योगेंद्र पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
पुलिस ने योगेंद्र के शस्त्र लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की है, और कटघर थाने में उनके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67, भारतीय दंड संहिता की धारा 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), और धारा 356(2) (आपराधिक मानहानि) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। सपा नेत्री सुनीता सिंह की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई, जिन्होंने कहा कि योगेंद्र का बयान सामाजिक सौहार्द और महिला सम्मान के खिलाफ है।
लेकिन यह मामला यहीं नहीं रुका। योगेंद्र पर एक और मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसमें पीतलनगरी के सुमित कुमार ने उन पर 9 लाख रुपये की ठगी और लाइसेंसी रिवॉल्वर दिखाकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। सुमित का कहना है कि योगेंद्र ने प्रॉपर्टी में निवेश के नाम पर पैसे लिए, लेकिन केवल 2 लाख रुपये लौटाए।
विवाद बढ़ने पर करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंह चौहान ने साफ किया कि योगेंद्र का उनके संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो महिला का अपमान करता है, वह राजपूत समाज का हिस्सा नहीं हो सकता। दूसरी ओर, सपा के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने इसे मुस्लिम समाज और लोकतंत्र का अपमान बताया और सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की मांग की। सपा कार्यकर्ताओं ने मुरादाबाद, संभल, और अन्य जिलों में प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।
योगेंद्र राणा फिलहाल फरार हैं, उनका मोबाइल स्विच ऑफ है, और पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है। इस मामले ने न केवल सियासी बल्कि सामाजिक स्तर पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं उकसाई हैं। सवाल यह है कि क्या यह बयान महज विवाद पैदा करने की कोशिश है या इसके पीछे कोई सियासी साजिश? इस पर चर्चा के लिए हम जल्द ही विशेषज्ञों को आमंत्रित करेंगे। तब तक, बने रहें हमारे साथ।
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