Hindi News: बिहार चुनाव से पहले OBC-EBC वोटबैंक पर छिड़ी जंग! कांग्रेस का CWC महाजुटान

By Vinay | Updated: September 24, 2025 • 11:46 AM

नीतीश ने अखबारों में छपवाए फुल-पेज ऐड – 36% वोटरों को ललकारा, कौन जीतेगा ये गेम?

पटना: बिहार की सियासी जमीन गरमाई हुई है! आगामी विधानसभा चुनावों से पहले OBC और EBC वोटबैंक पर सियासतदानों की नजर हैं। एक तरफ कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) की पहली बैठक बिहार में हो रही है, जहां राहुल गांधी OBC-EBC को साधने के लिए महाजुटान कर रहे हैं। दूसरी तरफ, सीएम नीतीश कुमार ने अखबारों में फुल-पेज विज्ञापन छपवाकर अपनी 20 साल की ‘सेवा’ का बखान किया। ये वोटबैंक कुल 63% आबादी का प्रतिनिधित्व करता है – सवाल ये है, कौन साधेगा इन मासूम वोटरों का दिल?

CWC की पहली बिहार यात्रा: राहुल का ‘वोटर रिवाइवल’ प्लान

कांग्रेस के लिए बिहार हमेशा से ‘सॉरी’ वाला राज्य रहा है, लेकिन अब राहुल गांधी ने कमर कस ली है। CWC की ये बैठक राज्य में पहली बार हो रही है, जो राहुल की हालिया बिहार यात्रा का सीधा नतीजा है। पार्टी का मकसद साफ है – संगठन को मजबूत करना और उन बिखरे वोटरों को वापस लाना, जो कभी कांग्रेस की जड़ थे। खासतौर पर OBC और EBC पर फोकस, क्योंकि लोकसभा चुनावों में ये वर्ग लगभग पूरी तरह NDA के साथ चला गया था।

CWC मीटिंग में राहुल गांधी समेत टॉप लीडर्स रणनीति बना रहे हैं। एक कांग्रेस नेता ने बताया, “ये बैठक सिर्फ मीटिंग नहीं, बल्कि बिहार में कांग्रेस की वापसी का ऐलान है। OBC-EBC को हमारी योजनाओं से जोड़ेंगे, ताकि वो महसूस करें कि उनकी आवाज सुनी जा रही है।” पार्टी का दावा है कि राहुल की यात्रा ने ग्राउंड पर हलचल मचा दी है, और अब EBC के 36% वोटर्स को लुभाने का टाइम आ गया है।

नीतीश का काउंटर-अटैक: फुल-पेज ऐड से ‘मेरा हक’ का दावा

इधर, नीतीश कुमार ने चुप्पी तोड़ दी। बिहार सरकार ने सभी प्रमुख अखबारों में फुल-पेज विज्ञापन छपवाए, जिसमें पिछले 20 सालों में OBC-EBC के लिए किए गए कामों का जिक्र है। पंचायत में आरक्षण से लेकर सरकारी स्कीम्स तक – सब कुछ हाईलाइट। विज्ञापन में लिखा है, “नीतीश सरकार ने OBC-EBC को सशक्त बनाया, ये हमारा वचन है!” ये ऐड सीधे-सीधे कांग्रेस के प्रयासों का जवाब हैं।

नीतीश की JD(U) जानती है कि OBC (27%) और EBC (36%) उनकी ‘खूंटा गाड़’ राजनीति की बुनियाद हैं। लोकसभा में इन वोटर्स ने NDA को सपोर्ट किया, लेकिन अब विपक्ष की हलचल से सतर्क हैं। एक JD(U) नेता ने कहा, “नीतीश जी ने 20 सालों में जो किया, वो ऐड से ज्यादा ग्राउंड पर दिखता है। कांग्रेस की मीटिंग से क्या फर्क पड़ेगा? हमारा वोटबैंक पक्का है!” ये ऐड चुनावी कैंपेन का आगाज माने जा रहे हैं।

OBC-EBC वोटबैंक: बिहार की सियासत का ‘गेम-चेंजर’

बिहार में OBC और EBC मिलाकर करीब 63% वोटर हैं। EBC की आबादी 36% है, जबकि OBC 27%। पिछले 20 सालों से नीतीश की राजनीति इसी पर टिकी है। लोकसभा चुनावों में ये वर्ग NDA के साथ रहा, लेकिन अब कांग्रेस और RJD की नजरें भी इधर हैं। तेजस्वी यादव की RJD भी अपने बेस को मजबूत करने में जुटी है।

NDA (BJP-JD(U)-LJP(R)) कोई चूक नहीं करना चाहता। एक BJP नेता ने कहा, “हमारा फोकस कंसॉलिडेशन पर है। नीतीश जी का ऐड उसी का हिस्सा है।” वहीं, कांग्रेस को लगता है कि थोड़ा सा स्विंग भी उनके हक में हो गया तो बिहार की सियासत बदल जाएगी। विपक्षी गठबंधन में भी ये वोटबैंक सेंटर पॉइंट बनेगा।

चुनावी घमासान: कौन जीतेगा OBC-EBC का दिल?

बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासत गर्म हो गई है। कांग्रेस CWC के जरिए संगठन को रिवाइव करना चाहती है, नीतीश ऐड से अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं, तो RJD तेजस्वी के नेतृत्व में चुपचाप तैयारी कर रही है। क्या राहुल का ‘जुटान’ नीतीश के ‘वचन’ को तोड़ेगा? या NDA फिर से OBC-EBC को लपेट लेगा? आने वाले दिनों में ये जंग और तेज होगी।

बिहार की सियासत में OBC-EBC का रोल हमेशा से निर्णायक रहा है। क्या लगता है आपको – कौन साधेगा ये वोटबैंक? कमेंट्स में बताएं!

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