नई दिल्ली︱आगामी चुनावों से पहले मतदाता सूची (Voter List) में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है︱विपक्षी दलों के लगातार हो रहे हमलों और आरोपों के बीच आयोग ने जिला मजिस्ट्रेटों को जिम्मेदारी सौंपी है कि वे अपने जिलों में लगे आरोपों की जांच करें और तुरंत जनता के सामने सच्चाई पेश करें︱
डीएम को मिली नई जिम्मेदारी
गौरतलब है कि चुनाव प्रक्रिया शुरू होते ही जिला मजिस्ट्रेट (DM) ही जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी संभालते हैं︱इसी के चलते आयोग ने उन्हें यह निर्देश दिया है कि यदि किसी जिले में मतदाता सूची से जुड़े आरोप सामने आते हैं तो तुरंत तथ्यों सहित उसका जवाब दिया जाए︱सिर्फ सफाई देने तक ही सीमित न रहें बल्कि सच्चाई जनता के सामने स्पष्ट रूप से रखी जाए︱
हाइलाइट्स
- चुनाव आयोग ने मतदाता सूची पर गड़बड़ी के आरोपों का जवाब डीएम से देने को कहा
- जिला मजिस्ट्रेट ही चुनाव प्रक्रिया में जिला निर्वाचन अधिकारी की जिम्मेदारी निभाते हैं
- आरोप लगते ही डीएम तुरंत जनता के सामने पेश करेंगे सच्चाई
- चुनाव आयोग ने फैक्ट चेक कर आरोपों की कलई खोली
- बिहार से शुरू होकर पूरे देश में होगा विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान
भ्रम पर तुरंत स्पष्टीकरण
चुनाव आयोग का मानना है कि मतदाता सूची को लेकर लगातार भ्रम फैलाया जा रहा है︱ऐसी स्थिति में यदि समय रहते जवाब नहीं दिया गया तो गलत सूचनाएँ जनता तक पहुँचकर चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़ा कर सकती हैं︱इसी कारण आयोग ने डीएम को सक्रिय होकर सोशल मीडिया (Social Media) और अन्य माध्यमों से तुरंत स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं︱
जिलों से आए जवाब
आयोग के निर्देश के बाद कई जिलों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की︱करीब एक दर्जन जिला मजिस्ट्रेटों ने इंटरनेट मीडिया के जरिए अपने जिलों की मतदाता सूची पर लगाए गए आरोपों का खंडन किया︱उन्होंने तथ्यों के साथ बताया कि जिन नामों को गलत तरीके से हटाए जाने का आरोप विपक्षी दलों द्वारा लगाया गया था, वे वास्तव में मतदाता सूची में दर्ज हैं︱
सबसे पहले उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के जिला मजिस्ट्रेट ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी︱अखिलेश ने दावा किया था कि बाराबंकी जिले की विधानसभा क्षेत्र 266-कुर्सी के दो मतदाताओं के नाम गलत तरीके से काट दिए गए हैं︱जांच में डीएम ने पाया कि दोनों नाम मतदाता सूची में मौजूद हैं︱
इसी तरह जौनपुर,कासगंज,लखनऊ,जयपुर,नासिक और नवादा जिलों के डीएम ने भी मतदाता सूची में गड़बड़ी से जुड़े आरोपों की हकीकत सामने रखी︱
आयोग का फैक्ट चेक
चुनाव आयोग ने खुद भी फैक्ट चेक कर इन आरोपों का सच सामने लाया︱आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में खामियों को दूर करने के लिए व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं︱इस दिशा में बिहार से शुरुआत करते हुए अब पूरे देश में विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान चलाने की तैयारी है︱
राजनीतिक दलों से अपील
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अफवाहें फैलाने के बजाय मतदाता सूची की प्रक्रिया में सहयोग करें︱आयोग का कहना है कि अब तक बिहार में ड्राफ्ट मतदाता सूची को लेकर किसी भी दल ने आपत्ति या दावा दर्ज नहीं किया है︱यह स्थिति दर्शाती है कि आरोपों के बजाय रचनात्मक सुझाव और सहयोग की आवश्यकता है︱
जिम्मेदारी और पारदर्शिता
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची बनाने का काम पूरी पारदर्शिता के साथ जिला निर्वाचन अधिकारियों की देखरेख में किया जाता है︱इस प्रक्रिया में गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं है︱साथ ही किसी भी भ्रम की स्थिति में संबंधित डीएम को सीधे जनता तक सही जानकारी पहुँचानी होगी︱
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