J&K : समुद्र तल से करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है अमरनाथ मंदिर

By Anuj Kumar | Updated: July 16, 2025 • 11:32 AM

नई दिल्ली । हिंदू धर्म के सबसे रहस्यमयी तीर्थस्थलों में शामिल अमरनाथ मंदिर (Amarnath Temple) भगवान शिव को समर्पित है। अमरनाथ गुफा तक जाने का पारंपरिक मार्ग करीब 45 किलोमीटर लंबा होता है। यह यात्रा पहलगाम से शुरू होकर चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी होते हुए पवित्र गुफा तक पहुंचती है। यह जम्मू और कश्मीर (Jammu Kashmir) में समुद्र तल से करीब 3,888 मीटर (करीब 12,756 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। इतनी ऊंचाई और दुर्गम रास्तों के कारण अमरनाथ यात्रा को एक चुनौतीपूर्ण लेकिन बेहद पवित्र तीर्थयात्रा माना जाता है। पूरे रास्ते में बर्फीली चोटियां, खूबसूरत नज़ारे और कठिन चढ़ाई यात्रियों की आस्था और हिम्मत की परीक्षा लेते हैं।

इसकी गुफा और शिवलिंग – दोनों ही पूरी तरह प्राकृतिक हैं

अमरनाथ कोई साधारण मंदिर नहीं है। इसकी गुफा और शिवलिंग – दोनों ही पूरी तरह प्राकृतिक हैं। यह करीब 40 मीटर ऊंची गुफा अधिकतर समय बर्फ से ढकी रहती है। इसके भीतर हर साल प्राकृतिक रूप से बर्फ का शिवलिंग बनता है, जिसे स्वयंभू माना जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार देवी पार्वती ने भगवान शिव से पूछा कि वे मुंडों की माला क्यों पहनते हैं। शिव ने जवाब दिया कि यह उन सभी जन्मों की गिनती के लिए है जो पार्वती ने लिए हैं।

गुफा में दो और छोटी बर्फ की आकृतियां बनती हैं

इससे देवी ने जानना चाहा कि शिव स्वयं अमर कैसे हैं। भगवान शिव (Lord Shiva) ने अमरता का रहस्य यानी “अमर कथा” सुनाने के लिए एकांत स्थान की तलाश की। वे सभी प्राणियों से दूर होकर अमरनाथ गुफा में गए। यहां उन्होंने समाधि लगाकर देवी पार्वती को अमर कथा सुनाई। तभी से यह गुफा शिव-पार्वती के उस दिव्य रहस्य की साक्षी मानी जाती है और इसे 51 शक्तिपीठों में से एक भी माना जाता है। यह भगवान शिव की अमरता और उनकी समय पर विजय का प्रतीक माना जाता है। गुफा में दो और छोटी बर्फ की आकृतियां बनती हैं, जिन्हें देवी पार्वती और भगवान गणेश का रूप माना जाता है।

इस गुफा की सबसे अद्भुत बात यह है कि शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है। गुफा की छत से पानी की बूंदें टपकती हैं जो ठंड के कारण जमती जाती हैं और बर्फ का शिवलिंग बनाती हैं। यह शिवलिंग चंद्रमा के घटने-बढ़ने की तरह आकार बदलता है और सावन महीने की पूर्णिमा पर अपने सबसे बड़े आकार में होता है।


अमरनाथ की असली कहानी क्या है?

अमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं।

अमरनाथ मंदिर का इतिहास क्या है?

अमरनाथ गुफा भारत के जम्मू और कश्मीर के हिमालय में स्थित एक पवित्र हिंदू मंदिर है। यह 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और 5,000 वर्ष से अधिक पुराना माना जाता है। यह गुफा भगवान शिव को समर्पित है और इसे हिंदू धर्म के सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है।

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