कश्मीर में भारी बारिश (Heavy Rain) के चलते अधिकारियों ने बुधवार को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को अस्थायी रूप से रोक दिया है। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी साझा करते हुए कहा, “30 जुलाई 2025 को पहलगाम और बालटाल दोनों आधार शिविरों से अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई है।”
अब तक 3.93 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं
कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने बताया कि बुधवार सुबह से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बालटाल और नुनवान/चंदनवाड़ी आधार शिविरों से तीर्थयात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। अब तक 3.93 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं। इसके अलावा, भगवती नगर आधार शिविर से गुरुवार को भी यात्रा स्थगित रहेगी।
विभाग ने बताया कि यात्रा क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण आधार शिविरों की ओर तीर्थयात्रियों की आवाजाही बाधित हुई है। इसी कारण निर्णय लिया गया है कि 31 जुलाई 2025 को भगवती नगर, जम्मू से बालटाल और नुनवान आधार शिविरों की ओर किसी भी जत्थे को रवाना होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अमरनाथ की हकीकत क्या है?
इसे सुनेंअमरनाथ को तीर्थों का तीर्थ कहा जाता है क्यों कि यहीं पर भगवान शिव ने माँ पार्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था। यहाँ की प्रमुख विशेषता पवित्र गुफा में बर्फ से प्राकृतिक शिवलिंग का निर्मित होना है। प्राकृतिक हिम से निर्मित होने के कारण इसे स्वयंभू हिमानी शिवलिंग भी कहते हैं।
अमरनाथ यात्रा पैदल कितनी दूर है?
अमरनाथ यात्रा के लिए दो मुख्य रास्ते हैं: पहलगाम और बालटाल. पहलगाम से गुफा तक की पैदल दूरी लगभग 48 किलोमीटर है, जिसमें 5 दिन लगते हैं. बालटाल से गुफा तक की पैदल दूरी लगभग 14 किलोमीटर है, लेकिन यह रास्ता खड़ी चढ़ाई वाला है.
Read more : Asaduddin Owaisi : ओवैसी का केंद्र पर तीखा हमला