National : अमेरिका आज से वसूलेगा भारत से 25 फीसदी टैरिफ, पड़ेगा असर

By Anuj Kumar | Updated: August 1, 2025 • 7:25 AM

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने घोषणा की है कि संयुक्त राज्य अमेरिका भारत से आयातित सभी वस्तुओं पर 25 फीसदी टैरिफ लगाएगा, जो 1 अगस्त, 2025 से प्रभावी होगा। इस अचानक कदम से अमेरिका को होने वाले लगभग सभी भारतीय निर्यात प्रभावित होंगे।

भारत पर समझौता करने का दबाव बढ़ सकता है

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि मित्र होने के बावजूद भारत और अमेरिका ने अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है। इस घोषणा से भारत पर समझौता करने का दबाव बढ़ सकता है, अन्यथा उसे भारी टैरिफ (Heavy Tarrif) का सामना करना पड़ सकता है, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों पर दबाव पड़ सकता है।

ट्रंप के टैरिफ से इन सेक्टर पर पड़ेगा असर

वे सभी वस्तुएं और सेक्टर जिनका भारत निर्यात करता है उन कंपनियों पर तगड़ा असर देखने को मिलेगा। मसलन, ऑटो कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियां, टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री, मेटल और फार्मा कंपनीज पर ट्रंप के टैरिफ का असर देखने को मिल सकता है। भारत से आयात होने वाली वस्तुएं अमेरिका (America) में महंगी दरों पर मिलेगी। इससे उनकी बिक्री कम होगी और कंपनियों को घाटा होगा।

87 बिलियन डॉलर के निर्यात पर पड़ेगा असर

अमेरिका के नए टैरिफ से भारत अमेरिका को भारत के माल निर्यात पर असर पड़ने की उम्मीद है। 2024 में यह लगभग 87 बिलियन डॉलर का था। जिन वस्तुओं और सेवाओं पर असर पड़ सकता है उनमें श्रम-प्रधान उत्पाद जैसे वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण, और पेट्रोकेमिकल्स शामिल हैं।

वर्तमान में अमेरिका का भारत के साथ 45.7 बिलियन डॉलर का व्यापार घाटा है। व्हाइट हाउस ने पहले भारत को उसके उच्च औसत लागू टैरिफ के बारे में चेतावनी दी थी। कृषि उत्पादों पर लगभग 39%, वनस्पति तेलों पर दरें बढ़कर 45% और सेब और मक्का पर लगभग 50% हो गई हैं।

भारत भी कर सकता है जवाबी कार्रवाई

2024 में अमेरिका से भारत को 42 बिलियन डॉलर के विनिर्माण निर्यात और ऊर्जा निर्यात (जैसे तरलीकृत प्राकृतिक गैस, कच्चा तेल और कोयला) पर भारत प्रतिक्रिया में जवाबी कार्रवाई कर सकता है। भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि वे अमेरिका को चीन के मुकाबले एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार मानते हैं, लेकिन उन्हें कृषि, डेटा गवर्नेंस और सरकारी सब्सिडी पर अपनी नीतियों को बनाए रखने की जरूरत है।

भारत के साथ व्यापार वार्ता को लेकर निराश हैं ट्रंप : बेसेंट

अमेरिका के वित्त मंत्री स्काट बेसेंट ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी व्यापार टीम भारत के साथ व्यापार वार्ता को लेकर निराश है। उनकी यह टिप्पणी ट्रंप द्वारा एक अगस्त से भारत से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा के एक दिन बाद आई है।

बेसेंट ने सीएनबीसी को दिए एक साक्षात्कार में कहा, मुझे नहीं पता कि क्या होगा। यह भारत पर निर्भर करेगा। भारत बातचीत की मेज पर जल्दी आ गया था। वह धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। इसलिए मुझे लगता है कि राष्ट्रपति और पूरी व्यापार टीम उनसे निराश हो गई है


अमेरिका का टैरिफ क्या है?

टैरिफ अन्य देशों से खरीदे गए माल पर लगाए जाने वाले कर हैं।आमतौर पर, वे किसी उत्पाद के मूल्य का एक प्रतिशत होते हैं। 10% टैरिफ का मतलब है कि 10 डॉलर के उत्पाद पर 1 डॉलर का कर लगेगा – जिससे आयातक को कुल लागत 11 डॉलर (£8.35) पड़ेगी। जो कंपनियां अमेरिका में विदेशी सामान लाती हैं उन्हें सरकार को कर का भुगतान करना पड़ता है।


टैरिफ कितने प्रकार के होते हैं?

टैरिफ दो प्रकार के होते हैं, आयात टैरिफ और निर्यात टैरिफ । जैसा कि आप उनके नाम से समझ सकते हैं, आयात टैरिफ विदेश से देश में आयात की जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है। निर्यात टैरिफ विदेश भेजी जाने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है। आयात शुल्क और निर्यात शुल्क अक्सर अलग-अलग होते हैं।

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