Axiom-4 Mission शुभांशु शुक्ला भरेंगे उड़ान, मिशन की उलटी गिनती शुरू
Axiom-4 Mission अब अंतिम चरण में पहुंच गया है और भारत के लिए यह क्षण गौरव का है।
भारतीय मूल के युवा अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला जल्द ही Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष की उड़ान भरने जा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) की ओर यह प्राइवेट मिशन पूरी दुनिया की नजरों में है।
कौन हैं शुभांशु शुक्ला?
Shubhashu Shukla एक भारतीय एयरोस्पेस इंजीनियर हैं,
जिन्होंने अपनी पढ़ाई अमेरिका में पूरी की और फिर Axiom Space की ओर से चुने गए।
उनकी विशेषज्ञता है स्पेस सिस्टम्स और माइक्रोग्रैविटी टेक्नोलॉजी में।
- वे भारत के उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं
- पहले ISRO और फिर NASA से जुड़े प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुके हैं
- Axiom-4 Mission में वे साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स की अगुआई करेंगे
Axiom-4 Mission की क्या है खासियत?
Axiom-4 Mission एक निजी अंतरिक्ष मिशन है जिसे SpaceX और Axiom Space मिलकर संचालित कर रहे हैं।
इस मिशन का उद्देश्य ISS पर नए प्रयोग, तकनीकी परीक्षण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना है।
मिशन की मुख्य बातें:
- रॉकेट: SpaceX Falcon 9
- कैप्सूल: Crew Dragon
- गंतव्य: ISS (International Space Station)
- क्रू मेंबर: 4, जिनमें शुभांशु शुक्ला भी शामिल
- मिशन अवधि: लगभग 10 दिन
Axiom-4 Mission: लॉन्च की तैयारी और उलटी गिनती
Axiom-4 Mission की लॉन्चिंग के लिए अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित Kennedy Space Center में तैयारियां तेज हो चुकी हैं।
लॉन्च विंडो 27 जून से 30 जून के बीच निर्धारित की गई है।
- प्री-लॉन्च चेकलिस्ट पूरी कर ली गई है
- सभी क्रू सदस्यों ने ट्रेनिंग फेज पूरा कर लिया है
- शुभांशु शुक्ला ने भी स्पेससूट ट्रायल्स और जी-फोर्स टेस्ट सफलतापूर्वक पास किए हैं
क्या कहती है शुभांशु की फैमिली और भारत सरकार?
शुभांशु की मां ने कहा,
“बचपन से ही उसे सितारों से लगाव था, आज वो उन्हें छूने जा रहा है।”
भारत सरकार और ISRO की ओर से उन्हें शुभकामनाएं और समर्थन मिल चुका है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी ट्वीट कर इस उपलब्धि पर गर्व जताया है।
एक्सिओम-4 मिशन भारत के लिए क्यों है अहम?
- यह पहला मौका है जब एक भारतीय निजी मिशन के ज़रिए ISS पर जाएगा
- इससे भविष्य में भारतीय स्पेस टूरिज्म और प्राइवेट स्पेस मिशनों के लिए रास्ता खुलेगा
- Shubhashu Shukla आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं
एक्सिओम-4 मिशन से भारत को मिल रही नई पहचान
एक्सिओम-4 मिशन न केवल विज्ञान और तकनीक के लिहाज से,
बल्कि भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा के लिए भी एक ऐतिहासिक कदम है।
Shubhashu Shukla की यह उड़ान नई पीढ़ी के भारतीय युवाओं के लिए आसमान की सीमाएं पार करने का संकेत है।