नई दिल्ली,। हेल्थ इंश्योरेंस के लगातार महंगा होने से सरकार चिंतित है। हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम (Health Insurance Premium) में मनमानी बढ़ोतरी पर अंकुश लगाने के लिए सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकार बीमा प्रीमियम की एक निश्चित सीमा तय करने पर विचार कर रही है, ताकि कंपनियां मनमाने तरीके से रकम न वसूल सकें।
मेडिकल इन्फ्लेशन दुनिया में सबसे तेज
भारत में मेडिकल इन्फ्लेशन 11.5 फीसदी है यानी अस्पतालों में इलाज का खर्च हर साल इतनी ही रफ्तार से बढ़ रहा है। यह दर दुनिया में सबसे अधिक है। कोविड (Covid) के बाद, 2021-22 से स्वास्थ्य बीमा और भी महंगा होने लगा है।
सरकार-आईआरडीए-बीमा कंपनियों के बीच चर्चा शुरू
सरकार ने बीमा नियामक IRDAI, इंश्योरेंस कंपनियों और अस्पतालों के साथ हेल्थ इंश्योरेंस सुधारों पर गहन चर्चा शुरू की है। कई अहम सुझाव (IRDAI) को भेजे गए हैं, जिन पर जल्द फैसला लिया जा सकता है।
प्रीमियम कम करने के लिए बड़े प्रस्ताव
सरकार हेल्थ इंश्योरेंस को सस्ता करने के लिए कई कदम प्रस्तावित कर रही है–
- एजेंट कमीशन 20% तक सीमित करना
- अस्पतालों में इलाज के पैकेज रेट पर नियंत्रण
- डिजिटल और पारदर्शी क्लेम प्रोसेस
वित्त मंत्रालय की बंद कमरे में बैठक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय ने बीमा कंपनियों के सीईओ, बड़े अस्पतालों के मालिकों और IRDAI अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इसमें स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में हर साल हो रही मनमानी बढ़ोतरी पर नाराजगी जताई गई।
मनमानी वृद्धि सीमित करने की तैयारी
सरकार अब बीमा कंपनियों की मनमानी पर रोक लगाने के उपायों पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसके तहत—
- बीमा कंपनियां हर साल बिना कारण प्रीमियम नहीं बढ़ा सकेंगी
- नई हेल्थ पॉलिसी पर एजेंट कमीशन अधिकतम 20%
- सालाना रिन्यूअल कमीशन 10% से ज्यादा नहीं
क्लेम और बिलिंग प्रोसेस में पारदर्शिता की मांग
सरकार चाहती है कि—
- हर क्लेम
- हर अस्पताल बिल
- हर डिस्चार्ज समरी
पूरी तरह पारदर्शी हो।
इसके साथ ही, अस्पतालों और बीमा कंपनियों द्वारा मिलकर तय किए जाने वाले मनमाने पैकेज रेट पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
अस्पतालों और सरकार की तकरार
अस्पतालों का कहना है कि उनका मार्जिन पहले से ही कम है। जबकि बीमा कंपनियां प्रीमियम तो बढ़ाती हैं लेकिन क्लेम देने में कंजूसी करती हैं। इस पर वित्त मंत्रालय का जवाब था—इसीलिए नेशनल हेल्थ क्लेम्स एक्सचेंज लाया जा रहा है, जहां पूरा सिस्टम डिजिटल और पारदर्शी होगा।
1 साल का हेल्थ इंश्योरेंस कितने का होता है?
1 साल के हेल्थ इंश्योरेंस का खर्च ₹700 से लेकर ₹25,000 या उससे अधिक तक हो सकता है, जो प्लान के प्रकार, कवरेज, बीमा राशि और आपकी उम्र जैसे कई कारकों पर निर्भर करता है। एक बुनियादी व्यक्तिगत योजना ₹2,000 से ₹4,000 सालाना हो सकती है, जबकि ₹10 लाख की बीमा राशि वाले प्लान का प्रीमियम ₹12,000 से ₹18,000 सालाना हो सकता है।
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