नागपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने कहा कि अपने देश का निर्माण करना और उसे बेहतर बनाना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। ऐसा करने से नागरिकों के ही हितों की रक्षा होती है। उन्होंने कहा कि जो देश अच्छा प्रदर्शन करता है, वह सुरक्षित होता है और दुनियाभर में सम्मान हासिल करता है।
आरएसएस का उदय और नागपुर का महत्व
भागवत ने आरएसएस की स्थापना का जिक्र करते हुए कहा कि डॉ. केशव हेडगेवार (Dr Keshav Headgewar) ने इसे नागपुर में स्थापित किया, क्योंकि यहां पहले से ही नि:स्वार्थ सेवा और सामाजिक जागरूकता की भावना मौजूद थी। नागपुर ने संघ को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शिवाजी महाराज की प्रेरणा और देशभक्ति
भागवत ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श और दृष्टिकोण ने देशभर के शासकों और स्वतंत्रता सेनानियों को प्रभावित किया। उन्होंने बताया कि स्वराज्य की स्थापना व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, बल्कि ईश्वर, धर्म और राष्ट्र के लिए की गई थी। इस भावना ने 1857 के विद्रोह समेत कई आंदोलनों को प्रोत्साहित किया।
अतीत से सीख और भविष्य का लक्ष्य
भागवत ने जोर दिया कि हमें अपने इतिहास से सीखने की जरूरत है और समाज की भलाई के लिए नि:स्वार्थ भाव से काम करने की प्रेरणा लेनी चाहिए। उनका कहना है कि भारत के पास शांति और समृद्धि का देश बनाने और विश्व में योगदान देने की पर्याप्त शक्ति है।
मोहन भागवत की डिग्री कितनी है?
ने अपनी स्कूली शिक्षा लोकमान्य तिलक विद्यालय से और फिर चंद्रपुर के जनता कॉलेज से बी.एससी. का प्रथम वर्ष पूरा किया। उन्होंने नागपुर के सरकारी पशु चिकित्सा महाविद्यालय से पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
संघ के संचालक कौन हैं?
वर्तमान में संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत हैं।
Read More :