MP Tourism: प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है भीमबेटका, जहां 30,000 साल पुराना …

By Kshama Singh | Updated: August 21, 2025 • 7:54 PM

पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण है यह स्थल

भारत की धरती प्राचीन सभ्यताओं और सांस्कृतिक धरोहरों से भरपूर है, और मध्य प्रदेश (Madhy Pradesh) का भीमबेटका (Bhimbetka) इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह स्थल न केवल पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इतिहास, कला और प्रकृति प्रेमियों के लिए भी एक अद्भुत आकर्षण का केंद्र है। भीमबेटका की गुफाएँ मानव सभ्यता की सबसे पुरानी झलकियों में से एक प्रस्तुत करती हैं

भीमबेटका का इतिहास

भीमबेटका शैलाश्रय समूह भोपाल से लगभग 45 किलोमीटर दक्षिण में रायसेन ज़िले में स्थित है। इसका नाम महाभारत के भीम पात्र से जुड़ा हुआ माना जाता है। कहा जाता है कि यह स्थान पांडवों के वनवास काल के दौरान उनका विश्राम स्थल रहा था। भीमबेटका की गुफाएं करीब 30,000 साल पुरानी मानी जाती हैं और यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों (UNESCO World Heritage Sites) में शामिल हैं। यहां की चट्टानों पर बने शैलचित्र प्रागैतिहासिक युग, मिजोलिथिक, नवपाषाण और ऐतिहासिक काल तक फैले हुए हैं।

शैलचित्रों की विशेषताएं

भीमबेटका की गुफाओं में पाए जाने वाले चित्र मुख्यतः लाल, सफेद और कभी-कभी पीले और हरे रंग में बने हुए हैं। इन चित्रों में शिकारी, नर्तक, जानवर, युद्ध दृश्य, सामाजिक गतिविधियाँ और धार्मिक प्रतीक शामिल हैं। यह चित्र मानव जीवन के प्रारंभिक स्वरूप, उनकी जीवनशैली और संस्कृति को उजागर करते हैं। यहां करीब 750 गुफाएँ हैं, जिनमें से लगभग 15-20 को ही आम पर्यटकों के लिए खोला गया है। सबसे प्रसिद्ध गुफा है “ज्योति स्थल”, जहाँ मानव आकृतियाँ नृत्य करती हुई दिखाई देती हैं।

पर्यटक अनुभव

भीमबेटका आने वाले पर्यटक एक अनोखे अनुभव का आनंद लेते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और गुफाओं की जटिल कलाकृति एक अलग ही दुनिया में ले जाती है। जंगलों से घिरे हुए यह शैलाश्रय सतपुड़ा की पहाड़ियों में बसे हुए हैं, जो खुद में एक रोमांचक यात्रा बन जाती है।

कैसे पहुँचे?

ठहरने की व्यवस्था

भोपाल शहर में पर्यटकों के लिए विभिन्न प्रकार के होटल उपलब्ध हैं — बजट से लेकर लक्ज़री तक। भीमबेटका में ठहरने की सुविधा नहीं है, अतः भोपाल में रुकना अधिक सुविधाजनक होता है।

यात्रा का सर्वोत्तम समय

Bhimbetka की यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम सुहावना और यात्रा के अनुकूल होता है। भीमबेटका केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि यह मानव सभ्यता के उद्भव और विकास की कहानी को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है। यह उन यात्रियों के लिए एक जरूरी स्थल है, जो इतिहास, संस्कृति और कला में रुचि रखते हैं। एक बार भीमबेटका की यात्रा करना, जैसे समय की सुरंग में प्रवेश कर मानव विकास की प्राचीन यात्रा को प्रत्यक्ष रूप से देखना है।

भीमबेटका का इतिहास क्या है?

मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका गुफाएं प्रागैतिहासिक काल की अद्भुत धरोहर हैं। यहाँ की शैलचित्र लगभग 30,000 वर्ष पुराने माने जाते हैं। इन गुफाओं में आदिमानव के जीवन, शिकार और नृत्य की झलक मिलती है। यूनेस्को ने 2003 में इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।

भीमबेटका में प्रसिद्ध स्थान कौन सा है?

Bhimbetka का सबसे प्रसिद्ध स्थान इसकी शैल गुफाएं हैं, जिनमें प्राचीन चित्रकला संरक्षित है। इन गुफाओं में “ज़ू रॉक” और “बुल रॉक” जैसी संरचनाएं विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। यहां की पेंटिंग्स में लाल और सफेद रंग प्रमुख हैं, जो उस युग की कला और सांस्कृतिक जीवन की झलक दिखाती हैं।

भीमबेटका के पास कौन सी नदी बहती है?

Bhimbetka गुफाओं के पास से बेतवा नदी बहती है। यह नदी इस क्षेत्र की जीवनरेखा मानी जाती है और प्राचीन काल से ही यहां मानव बसावट का कारण रही है। बेतवा नदी की निकटता ने गुफाओं के निवासियों को पानी और जीवनयापन की सुविधा प्रदान की, जिससे यह स्थल विकसित हो सका।

Kitchen Hacks: तवे पर जमी कालीख से अब परेशान होने की जरूरत नहीं, अपनाएं ये तरीका

#Google News in Hindi ancient civilization archaeological site bhimbetka caves india heritage latestnews madhya pradesh trendingnews