पटना, । इस साल के अंत तक बिहार (Bihar) में विधानसभा चुनाव होना है और राज्य में चुनावी हलचल तेज हो गई है। चुनाव की तैयारियों को लेकर राज्य सरकार के सभी महकमों में सक्रियता बढ़ा दी गई है। इसी क्रम में बिहार चुनाव आयोग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सभी विभागों को 6 अक्टूबर तक अधिकारियों और कर्मियों के तबादले की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
तबादले और पदस्थापन की अनिवार्यता
चुनाव आयोग ने कहा कि 6 अक्टूबर तक तबादला एवं पदस्थापन से संबंधित रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी। इसका संकेत साफ है कि विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की आधिकारिक घोषणा 6 अक्टूबर के बाद कभी भी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में आयोग की टीम कभी भी बिहार का दौरा कर सकती है और तैयारी का जायजा ले सकती है।
अधिकारियों के स्थानांतरण के दिशा-निर्देश
आयोग ने पहले ही चुनाव से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानांतरण और पदस्थापन के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत किसी भी अधिकारी या कर्मचारी की तैनाती उनके गृह जिले में नहीं की जाएगी। साथ ही, यदि किसी कर्मी का कार्यकाल 30 नवंबर तक या उससे पहले तीन साल या उससे अधिक का हो रहा है तो उनका अनिवार्य रूप से तबादला किया जाएगा।
रिपोर्टिंग और अनुपालन की जिम्मेदारी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने बिहार के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, सभी अपर मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, प्रधान सचिव, सचिव और विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर 6 अक्टूबर तक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि आयोग के दिशा-निर्देशों का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए।
चुनावी कार्यों से जुड़े सभी पदों पर असर
निर्देश केवल उच्च अधिकारियों तक सीमित नहीं रहेंगे। प्रखंड विकास पदाधिकारी, तहसीलदार, जिला स्तर के अपर समाहर्ता और अन्य पदों पर कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी यह व्यवस्था लागू होगी। प्रमंडलीय आयुक्त, नगर आयुक्त और नगर निगम से जुड़े अधिकारियों का स्थानांतरण भी आयोग के आदेशों के अनुसार किया जाएगा।
पुलिस और अन्य विभागों में सख्ती
पुलिस विभाग में भी आयोग की सख्ती लागू होगी। अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक और जिले में तैनात इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों तक पर यह आदेश लागू होगा। हालांकि, कंप्यूटराइजेशन, स्पेशल ब्रांच और प्रशिक्षण से जुड़े कर्मियों को छूट दी गई है। वहीं, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के अधिकारी और कर्मचारी, यदि तीन साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर तैनात हैं, तो उनका तबादला अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
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