बिहार चुनाव से पहले हो रहे वोटर लिस्ट रिवीजन पर सियासत गर्म है। विपक्ष ने आज यानी बुधवार को बिहार बंद बुलाया है। इसमें कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) भी शामिल होंगे। राहुल दिल्ली से पटना के लिए निकल चुके हैं।भोजपुर में के बिहिया स्टेशन पर पूर्व राजद विधायक भाई दिनेश ने अपने समर्थकों के साथ श्रमजीवी एक्सप्रेस और विभूति एक्सप्रेस (Bibhuti Express) को रोककर नारेबाजी की। 3 मिनट बाद ट्रेन को रवाना करवाया गया।बेगूसराय में RJD कार्यकर्ताओं ने NH-31 को जाम कर दिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।जहानाबाद में भी महागठबंधन नेताओं ने मेमू पैसेंजर को रोका और नारेबाजी की। थोड़ी देर बाद पुलिस ने सभी को ट्रैक से हटाया।
माले के नेतृत्व में आरा–सासाराम मुख्य मार्ग को जाम कर दिया गया है। सैकड़ों गाड़ियां जाम में फंसी हुई हैं।पटना के मनेर में (NH-30) को जाम किया गया है। नेता आगजनी कर के प्रदर्शन कर रहे हैं।
राहुल गांधी भी बंद होंगे शामिल
राहुल गांधी सुबह 9:30 बजे, इनकम टैक्स गोलंबर से वीरचंद पटेल पथ, शहीद स्मारक होते हुए चुनाव आयोग कार्यालय तक पैदल मार्च करेंगे। इस दौरान उनके साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी साथ रहेंगे।वहीं पूर्णिया सांसद पप्पू यादव की तरफ से बताया गया है कि, सचिवालय हाल्ट पर रेल चक्का जाम किया जाएगा।2 दिन पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट रिवीजन की प्रक्रिया को ‘वोट बंदी’ करार दिया था। तेजस्वी ने कहा था, ‘6 जुलाई को इलेक्शन कमीशन से मिलने गए थे, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला।उन्होंने कहा कि पटना का इलेक्शन कमीशन कोई काम का नहीं है, पोस्ट ऑफिस जैसा है, निर्णय लेने लायक नहीं है।’
लालू बोले- दो गुजरातियों को बिहारियों से नफरत
इधर पूरे मामले पर RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद ने यादव ने PM मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आड़े हाथों लिया था।
लालू ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘दो गुजराती मिलकर 8 करोड़ बिहारियों के वोट का अधिकार छीनने का प्रयास कर रहे हैं।”इन दो गुजरातियों को बिहार, संविधान और लोकतंत्र से सख्त नफरत है। जागो और आवाज उठाओ.. लोकतंत्र और संविधान बचाओ।’
10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बिहार में हो रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया है। 10 जुलाई को मामले की सुनवाई होगी।5 जुलाई को गैर सरकारी संस्था एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने SC में याचिका दाखिल कर बिहार में वोटर लिस्ट पुनरीक्षण के चुनाव आयोग के आदेश को रद्द करने की मांग की है।याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग का ये आदेश संविधान के अनुच्छेद 14,19,21,325 और 326 और जनप्रतिनिधित्व कानून 1950, साथी ही उसके रजिस्ट्रेशन ऑफ इलेक्टोरल रूल 1960 के नियम 21A का उल्लंघन है।
मतदाता पहचान पत्र सत्यापन प्रक्रिया क्या है?
मतदाता पहचान पत्र जारी करने के लिए आवेदन जमा करने के बाद , आवेदन में दर्ज विवरणों का सत्यापन शुरू हो जाता है। आमतौर पर, एक ‘बूथ लेवल ऑफिसर’ सत्यापन प्रक्रिया की देखरेख करता है , जिसमें वह दस्तावेज़ की प्रामाणिकता सुनिश्चित करता है और चुनाव आयोग के मानदंडों के अनुसार आपके द्वारा प्रस्तुत सभी विवरणों को सत्यापित करता है। इस सत्यापन प्रक्रिया के दौरान, किसी भी असंगति के कारण आपका आवेदन रद्द हो जाएगा , और आपको उचित/सही विवरण के साथ नया आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
मतदाता पहचान पत्र सत्यापन प्रक्रिया कैसे काम करती है?
मतदाता पहचान-पत्र सत्यापन प्रक्रिया निम्नलिखित क्रम में काम करती है:
- अपनी ओर से आवेदन पत्र (पहली बार मतदाता पहचान पत्र पंजीकरण के मामले में फॉर्म 6, और मतदाता पहचान पत्र विवरण को अद्यतन या सही करने के मामले में फॉर्म 8) आवश्यक दस्तावेजों के साथ जमा करना।
- प्रस्तुत करने के बाद, दस्तावेजों में उल्लिखित सभी विवरणों का सत्यापन किया जाता है।
- बूथ स्तर के अधिकारी आवेदक के पते पर व्यक्तिगत रूप से आवश्यक विवरण सत्यापित करने के लिए आवेदक के निवास पर जा सकते हैं।
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