बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही चुनाव आयोग (Election Commission) ने मतदाताओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए 17 बड़े सुधार लागू करने का ऐलान किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार (Gyanesh Kumar) के अनुसार, ये पहल पहले बिहार में और बाद में पूरे देश में लागू होंगी। सुधारों का मकसद मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और सुरक्षित बनाना है।
छोटे बूथ, आसान मतदान
अब किसी भी पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 वोटर होंगे। इससे कतारों में समय कम लगेगा और मतदान सरल होगा। सभी बूथों पर 100% वेबकास्टिंग की सुविधा भी होगी, जिससे मतदान पर निगरानी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
मोबाइल फोन की नई सुविधा
मतदाता मोबाइल फोन (Mobile Phone) मतदान केंद्र तक ले जा सकेंगे, लेकिन मतदान से पहले एक निर्धारित स्थान पर जमा करना होगा और मतदान के बाद वापस प्राप्त कर सकेंगे। इससे दूरदराज से आने वाले मतदाताओं को सुविधा और सुरक्षा मिलेगी।
ईवीएम पर रंगीन तस्वीरें
अब ईवीएम पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें और बड़े फॉन्ट में क्रम संख्या दिखाई जाएगी, जिससे पहचान आसान और मतदान प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी।
डाक मतपत्र की गिनती पहले
अब पोस्टल बैलट की गिनती ईवीएम की अंतिम गिनती से पहले होगी। इससे नतीजों की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी और विवाद की संभावना कम होगी।
हर सीट पर पर्यवेक्षक और BLO से संपर्क
हर विधानसभा सीट पर वरिष्ठ अधिकारी पर्यवेक्षक होंगे और बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) से सीधे ECINET प्लेटफॉर्म के जरिए संपर्क किया जा सकेगा। यह चुनावी प्रक्रिया को डिजिटल और रीयल-टाइम निगरानी वाली बनाएगा।
डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऐप्स से आसान पहुंच
मतदाता और राजनीतिक दल अब ECINET प्लेटफॉर्म और 40 डिजिटल ऐप्स के जरिए चुनावी प्रक्रिया में सीधे जुड़ सकेंगे। हेल्पलाइन 1950 को और सुलभ बनाया गया है।
नए वोटर कार्ड और 14 लाख नए मतदाता
इस बार 14 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं। सभी को वोटर आईडी कार्ड 15 दिनों के भीतर वितरित किया जाएगा। बूथ लेवल अधिकारियों को पहचान पत्र दिए गए हैं ताकि मतदाता आसानी से संपर्क कर सकें।BLA की भूमिका को औपचारिक मान्यता मिली है। हाई-राइज सोसाइटियों में अतिरिक्त बूथ बनाए जा रहे हैं। फॉर्म 17C और ईवीएम में विसंगति होने पर VVPAT गिनती अनिवार्य होगी। पोलिंग और काउंटिंग स्टाफ का पारिश्रमिक भी दोगुना किया गया है।
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