पटना। बिहार विधानसभा चुनाव इस बार कड़ा मुकाबला होने वाला है। 2020 में एनडीए (NDA) ने 243 में से 125 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी, जबकि महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं। लेकिन दोनों गठबंधनों के बीच केवल 11,150 वोटों का अंतर था।
एनडीए को 1 करोड़ 57 लाख 2 हज़ार 650 वोट (37.26%) मिले, जबकि महागठबंधन को 1 करोड़ 56 लाख 91 हज़ार 500 वोट (37.23%) मिले। माना जा रहा है कि 2025 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की लोकप्रियता में कमी आई है, लेकिन उन्होंने चुनाव से पहले महत्वपूर्ण वित्तीय कदम उठाया है। राज्य सरकार ने महिलाओं, युवाओं और अन्य समूहों के लिए योजनाओं और अनुदानों के रूप में 40 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो राज्य के कुल कोष का लगभग 66 प्रतिशत है।
क्या चिराग पासवान किंगमेकर हैं?
2020 में लोक जनशक्ति पार्टी (LOJPA) ने एनडीए से अलग चुनाव लड़ा था और उसे 25 लाख वोट (5.66%) मिले थे। इस बार चिराग 35 सीटों पर उम्मीदवार उतारने पर अड़े हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा लोजपा को 25 से ज़्यादा सीटें देने को तैयार है।
चिराग पासवान का कहना है:
“मैं सब्ज़ी पर नमक की तरह हूँ, मैं हर चुनाव क्षेत्र में 20 से 25 हज़ार वोटों को पलट सकता हूँ।”
इस बार उनकी मुख्यमंत्री पद की महत्वाकांक्षा भी चर्चा में है।
हॉट सीटें
- वाल्मिकीनगर – धीरेंद्र प्रताप सिंह (जेडीयू)
- करगहर – संतोष कुमार मिश्रा (कांग्रेस)
- कर्कट – अरुण सिंह (सीपीआई)
- बेतिया – रेनू देवी (भाजपा)
- मोतिहारी – प्रमोद कुमार (भाजपा)
- इमामगंज – दीपा कुमारी (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा)
- सीतामढ़ी – मिथिलेश कुमार (भाजपा)
- मधुबनी – समीर कुमार महासेठ (राजद)
- झंझारपुर – नीतीश मिश्रा (भाजपा)
- अररिया – आबिदुर्रहमान (कांग्रेस)
- किशनगंज – इज़हारुल हुसैन (कांग्रेस)
- पूर्णिया – विजय कुमार खेमका (भाजपा)
- कटिहार – तारकिशोर प्रसाद (भाजपा)
एनडीए को झटका
एनडीए को मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी से चुनौती मिली है। 2020 में इस पार्टी को 6.5 लाख वोट (1.52%) मिले थे। अब वीआईपी पार्टी इंडिया अलायंस में शामिल हो चुकी है, जिससे बिहार चुनाव बेहद रोमांचक और कांटेदार होने की संभावना है।
Read More :