Breaking News: UCC: दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा: UCC समय की मांग

By Dhanarekha | Updated: September 26, 2025 • 3:27 PM

पर्सनल लॉ और पॉक्सो के टकराव को रोकने के लिए जरूरी

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की जोरदार वकालत की है। जस्टिस अरुण मोंगा की बेंच ने यह टिप्पणी करते हुए कहा कि UCC अब समय की ज़रूरत है। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि विभिन्न पर्सनल लॉ (जैसे मुस्लिम पर्सनल लॉ, जो यौवन शुरू होने पर 15 साल की लड़की की शादी की अनुमति देता है) और राष्ट्रीय कानूनों जैसे पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) और बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) के बीच लगातार टकराव होता है। पॉक्सो एक्ट नाबालिगों के साथ यौन संबंध या विवाह को अपराध मानता है। हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या समाज को लंबे समय से चले आ रहे पर्सनल लॉ का पालन करने के लिए अपराधी बनाया जाना चाहिए, और क्या अब UCC की तरफ बढ़ने का समय नहीं आ गया है, ताकि पर्सनल लॉ राष्ट्रीय कानूनों पर हावी न हों

उत्तराखंड: आज़ादी के बाद UCC लागू करने वाला पहला राज्य

समान नागरिक संहिता(uniform civil code) के संदर्भ में उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है जिसने आज़ादी के बाद UCC लागू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 27 जनवरी 2025 में UCC लागू करने का ऐलान किया था। इस नए कोड के लागू होने के बाद, उत्तराखंड में हलाला, बहुविवाह और तीन तलाक जैसी प्रथाओं पर पूरी तरह से रोक लग गई है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गोवा में भी UCC लागू है, लेकिन वहाँ यह पुर्तगाली सिविल कोड के तहत लागू किया गया था। उत्तराखंड द्वारा उठाया गया यह कदम अन्य राज्यों के लिए भी एक नज़ीर पेश करता है, जहां विभिन्न धार्मिक समुदायों के लिए समान कानून बनाने की बहस चल रही है।

नाबालिग से विवाह केस में पेंच और कोर्ट का फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट की UCC पर टिप्पणी नाबालिग लड़की से शादी करने के आरोपी हामिद रजा की जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान आई। हामिद रजा पर आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज था। हालांकि, कोर्ट ने इस केस में कई विचलित करने वाले तथ्य पाए, जैसे: एफआईआर पर नाबालिग की माँ के बजाय उसके सौतेले पिता के दस्तखत थे, और सौतेले पिता पर स्वयं लड़की का यौन उत्पीड़न करने और उसके पहले बच्चे का पिता होने का मुकदमा चल रहा है। लड़की की उम्र के दस्तावेजों में भी भारी विसंगति थी। इन विरोधाभासों और एफआईआर दर्ज करने में हुई भारी देरी (जिससे आरोपी के जल्द सुनवाई के अधिकार का हनन हुआ) को देखते हुए, कोर्ट ने रजा की गिरफ्तारी को संविधान में दिए गए नियमों का उल्लंघन मानते हुए उसे जमानत दे दी।

दिल्ली हाईकोर्ट ने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की वकालत किस प्रमुख कानूनी विरोधाभास के संदर्भ में की है?

हाईकोर्ट ने यह वकालत पर्सनल लॉ (जो मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत 15 वर्ष की आयु से बाल विवाह की अनुमति दे सकता है) और पॉक्सो एक्ट/राष्ट्रीय कानूनों (जो नाबालिगों से यौन संबंध या विवाह को अपराध मानते हैं) के बीच बार-बार होने वाले कानूनी टकराव को खत्म करने के लिए की है।

उत्तराखंड, UCC लागू करने वाला देश का पहला राज्य कैसे बना, जबकि गोवा में पहले से ही UCC लागू है?

गोवा में UCC पुर्तगाली सिविल कोड के तहत लागू है। इसके विपरीत, उत्तराखंड आज़ादी के बाद और भारतीय संविधान के तहत समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बना है।

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