27 लोगों को नोटिस जारी, 15 दिन में खाली करने का अल्टीमेटम
बरेली जिले में पीएम आवास योजना (PMAY) के तहत बने कुछ घरों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाने की चेतावनी दी है। इन घरों को लेकर यह आरोप है कि या तो सर्वे में भारी चूक हुई है, या फिर इन घरों को फर्जी तरीके से मंजूरी दिलवाई गई है।
बरेली हिंसा के (Bareilly) बाद नगर निगम ने प्रेमनगर के शाहबाद मोहल्ले में 27 घरों को नोटिस जारी किया है. इनमें PM आवास योजना के तहत लाभ पाने वाली अख्तर जहां का घर भी शामिल है. निगम ने इन घरों को अपनी ज़मीन पर अवैध अतिक्रमण बताया है और खाली करने के लिए 15 दिन का समय दिया है. हालांकि, निवासी इसे अन्यायपूर्ण कार्रवाई और निशाना बनाना बता रहे हैं. निगम अब दस्तावेजों की जांच कर रहा है।
उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर को हुई हिंसा के बाद अब प्रशासन सख्त रुख अपना रहा है. नगर निगम ने कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रेमनगर थाना क्षेत्र के शाहबाद मोहल्ले के भूड़ इलाके में 27 लोगों को नोटिस दिया है, जिसमें यह कहा गया है कि मकान नगर निगम की जमीन पर बने हैं. वहीं बड़ी बात यह है कि पीएम आवास योजना (PMAY) के तहत मकान पाने वाली महिला अख्तर जहां और उनके पति खुर्शीद अहमद का भी नाम शामिल है।
निगम ने 15 दिन का समय दिया है कि वे अपने मकान खाली करें, वरना कार्रवाई होगी. नगर निगम का कहना है कि जिन लोगों को यह नोटिस दिया गया है, उन लोगों ने नगर निगम की जमीन पर मकान बना रखे हैं. वहीं पार्षद शालिनी जौहरी का कहना है कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाया है।
नगर निगम ने भेजा नोटिस
सूची में शामिल महिला अख्तर जहां और उनके पति खुर्शीद अहमद को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ढाई लाख रुपये का अनुदान मिला था. अब इन्हें भी नोटिस भेजा गया है. अख्तर जहां का कहना है कि उन्होंने किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा नहीं किया है. हमने अपने बिजली बिल और वसीयत के कागज जमा कराए थे. उसी के आधार पर हमें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला था. अब हमें अन्यायपूर्ण तरीके से निशाना बनाया जा रहा है. वार्ड की पार्षद शालिनी जोहरी यह सब करा रही हैं।
अख्तर जहां का आरोप है कि पार्षद शालिनी जौहरी की शिकायत पर यह कार्रवाई कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि नगर निगम ने बिना जांच के ही नोटिस भेज दिया है. वहीं पार्षद शालिनी जौहरी का कहना है कि फर्जी कागज लगाकर प्रधानमंत्री आवास योजना का फायदा लिया गया. उन्होंने मांग की है कि पूरे मामले में 27 घरों पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की जाए।
PM आवास योजना में मिले घर पर होगी कार्रवाई
नगर निगम की कार्रवाई के बाद शाहबाद मोहल्ले में अफरा-तफरी मच गई है. जिन घरों को नोटिस मिला है, उनके लोगों का कहना है कि यह जमीन नगर निगम की नहीं बल्कि वक्फ की है. मोहल्ले के कई परिवारों ने कहा कि वे पिछले 40-50 सालों से यहां रह रहे हैं और अब अचानक मकान खाली करने का नोटिस देकर उन्हें बेघर किया जा रहा है।
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महिलाओं ने रोते हुए कहा कि हम गरीब लोग हैं, हमारे सिर से छत मत छीनी जाए. हमने मेहनत से मकान बनाया है. कई लोगों का यह भी आरोप है कि कार्रवाई सिर्फ एक ही समुदाय के घरों को निशाना बनाकर की जा रही है. वहीं नगर निगम का कहना है कि जिन लोगों को नोटिस मिला है, उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है. अगर किसी ने फर्जी कागजों के आधार पर मकान बनवाया है, तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी।
जांच के बाद खुलेगा पूरा राज
नगर निगम की टीम अब इस पूरे मामले की जांच में जुटी है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान मिला था, उनके दस्तावेजों की दोबारा जांच की जा रही है. सर्वे रिपोर्ट में भी कई गड़बड़ियां सामने आई हैं. सवाल उठ रहा है कि जब मकान स्वीकृत किया गया था, तब क्या सही सर्वे नहीं किया गया।
नगर निगम का कहना है कि 15 दिन बाद जिन घरों की स्थिति स्पष्ट नहीं होगी, उन पर कार्रवाई तय है. वहीं पार्षद शालिनी जौहरी ने कहा है कि फर्जीवाड़ा करने वालों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा. जिन लोगों ने गलत कागजों के सहारे सरकारी योजना का लाभ लिया है, उन पर भी कार्रवाई होगी. हिंसा के बाद यह कार्रवाई बरेली में चर्चा का बड़ा विषय बन गई है. लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि यह कार्रवाई कानून के तहत हो रही है या फिर किसी साइड को टारगेट किया जा रहा है. फिलहाल नगर निगम ने साफ कहा है कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे का फैसला होगा।
आवास योजना ग्रामीण के तहत पक्का मकान बनाने के लिए कितनी राशि मिलती है?
पीएम आवास योजना-ग्रामीण के तहत मैदानी इलाकों में ₹1.20 लाख और पर्वतीय राज्यों, दुर्गम क्षेत्रों तथा <आईएपी जिलों में ₹1.30 लाख की राशि लाभार्थियों को पक्का मकान बनाने के लिए सीधे उनके बैंक खातों में भेजी जाती है। यह धनराशि आवास निर्माण के विभिन्न चरणों, जैसे प्लिंथ और लिंटल लेवल पूरा होने के बाद किस्तों में प्रदान की जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना किसको मिलती है?
पीएम आवास योजना (PMAY) का लाभ उन शहरी परिवारों को मिल सकता है जो पक्के घर के मालिक नहीं हैं और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय समूह (LIG) या मध्यम आय वर्ग (MIG) से संबंधित हैं, जिनकी वार्षिक आय ₹18 लाख तक है। इसके अलावा, महिला सदस्य, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), विकलांग व्यक्ति और समाज के अन्य कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है।
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