Assam News: चीन की चुनौती, सेना की खास रणनीति!

By Surekha Bhosle | Updated: June 30, 2025 • 1:16 PM

अब असम में सड़क पर फाइटर जेट्स की इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी

भारत (India) को सीमा पर लगातार चुनौती मिलती रही है. पाकिस्तान ही नहीं चीन (China) से भी उसका कड़ा मुकाबला है. बढ़ती चुनौतियों के बीच भारतीय सेना खुद को अपग्रेड करने में लगी हुई है. बांग्लादेश से खराब होते संबंध और चीन के नापाक इरादों को देखते हुए भारत अब पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी सामरिक स्थिति को मजबूत करने में लगा है

भारत को सीमा पर लगातार चुनौती मिलती रही है। पाकिस्तान ही नहीं चीन China से भी उसका कड़ा मुकाबला है. बढ़ती चुनौतियों के बीच भारतीय सेना खुद को अपग्रेड करने में लगी हुई है. बांग्लादेश से खराब होते संबंध और चीन के नापाक इरादों को देखते हुए भारत अब पूर्वोत्तर राज्यों में अपनी सामरिक स्थिति को मजबूत करने में लगा है।

पूर्वोत्तर राज्यों को सामरिक रूप से और भी ज्यादा मजबूत करने के लिए भारत अब बड़ी तैयारी करने जा रहा है. भारत पूर्वोत्तर क्षेत्रों में चीन China और बांग्लादेश की जुगलबंदी से निपटने के लिए अपनी सीमा को और मजबूत बना रहा है. इसके लिए असम में पहली बार राष्ट्रीय राजमार्ग को भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स और नागरिक विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए तैयार किया जा रहा है।

आकस्मिक हालात से निपटने की खास तैयारी

भारतीय सेना की ओर से यह तैयारी सीधे तौर पर देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने और किसी भी आकस्मिक हालात से निपटने की खास प्लानिंग के तहत देखा जा रहा है. डिब्रूगढ़ के पास मोरान से नुमालीगढ़ तक करीब 4.2 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग के हिस्से को सुखोई-30 और राफेल जैसे फाइटर जेट्स की आपात लैंडिंग के लिए तैयार किया जाएगा।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस तैयारी को लेकर कहा, “राष्ट्रीय राजमार्ग पर फाइटर जेट्स की इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी की जा रही है. हम अक्टूबर तक यह सुविधा चालू करना चाहते हैं. भारतीय वायुसेना के अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं और इस सिलसिले में काम तेजी से चल रहा है।”

असम में 2 और जगहों को भी तैयार किया जा रहा

चीन China पूर्वोत्तर क्षेत्र में लगातार सक्रिय बना हुआ है. ऐसे में सीमा के नजदीक पूर्वोत्तर में इस तरह की तैयारी को सामरिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है. अरुणाचल प्रदेश से लगी चीन की लंबी सीमा और लगातार बढ़ती चीनी गतिविधियों को देखते हुए भारत अब इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए अपने स्ट्रैटजिक पॉइंट्स को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रहा है।

तैयारी इस तरह से की जा रही है कि सिर्फ फाइटर जेट्स ही नहीं बल्कि जरूरत पड़ने पर नागरिक विमान भी इस हाईवे पर लैंड कराए जा सकें. इसके अलावा केंद्र सरकार ने 2 और जगहों लोअर असम और नागांव -लुमडिंग के बीच भी ऐसे ही हाईवे तैयार करने की मंजूरी दी है।

इस तैयारी पर राज्य के सीएम सरमा ने कहा, “यह कदम असम की सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई देगा और सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा को भी मजबूत करेगा. चीन की चुनौती के बीच यह फैसला सामरिक दृष्टि से बेहद अहम है।”

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