NDA में सीट शेयरिंग पर बनी सहमति, ऐलान जल्द
तीन दिन की लगातार बातचीत और कई दौर की बैठकों के बाद (LJP) (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान आखिरकार मान गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, सीट बंटवारे को लेकर लगभग सहमति बन गई है, और जल्द ही इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
सीट बंटवारे को लेकर (NDA) में मंथन जारी है। दिल्ली में आज शुक्रवार को चिराग पासवान और नित्यानंद राय की आधे घंटे मुलाकात हुई। इसके बाद चिराग पासवान ने कहा, ‘सीट शेयरिंग को लेकर बातचीत अंतिम दौर में है। हमलोग सब चीजें पहले ही क्लियर कर ले रहे हैं।’
नित्यानंद राय
सम्मानपूर्वक डिमांड माने जाने के सवाल पर चिराग ने कहा- ‘जहां मेरे प्रधानमंत्री मोदी हैं, वहां कम से कम मुझे मेरे सम्मान के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है।’ वहीं नित्यानंद राय ने कहा- ‘जल्द ही सारी बातें फाइनल हो जाएंगी।’
आज की मुलाकात के बाद दोनों नेता मुस्कुराते हुए बाहर निकले। चिराग की बातों से क्लियर हो रहा है कि सीट शेयरिंग को लेकर जो पेंच था, वो निकल चुका है।
जदयू 105 सीटों पर लड़ेगी, छह का टिकट कटेगा
जदयू 105 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 6 सिटिंग विधायकों के टिकट कटेंगे। टिकट कटने की डर से दो विधायक पहले ही राजद में जा चुके हैं। पार्टी को चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के नॉर्मल होने का इंतजार है।
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इसका जिम्मा भाजपा को दिया है। इसके बाद जदयू उससे बात करेगी। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में हुई वरीय नेताओं की बैठक में उम्मीदवारी पर चर्चा हुई। दावेदारों की जीत की संभावना को आंका गया।
जिन विधायकों के टिकट कटने की बात है, उनमें अधिकतर की चीजें पार्टी लाइन के खिलाफ मानी गई है। पिछली बार जदयू को 115 सीटें मिली थीं। उसने इसमें से 7 सीटें ‘हम’’ को दी थी।
पासवान का इतिहास क्या है?
इतिहास उन्हें एक अछूत समुदाय माना जाता रहा है।बिहार में, वे मुख्यतः भूमिहीन, खेतिहर मजदूर हैं और ऐतिहासिक रूप से गाँव के चौकीदार और संदेशवाहक रहे हैं। वे ग्रामीण बिहार के सामंती समाज में सबसे अधिक भेदभाव वाले जाति समूहों में से एक हैं।
चिराग पासवान के चाचा कौन थे?
राम चन्द्र पासवान
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