नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत (Justice Suryakant) सोमवार को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ लेंगे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाने, बिहार की चुनावी मतदाता सूची (SIR) संशोधन याचिका और पेगासस स्पाइवेयर जैसे कई ऐतिहासिक मामलों की सुनवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके जस्टिस सूर्यकांत अब सेवानिवृत्त हुए सीजेआई बीआर गवई के स्थान पर कार्यभार संभालेंगे।
15 महीने तक संभालेंगे CJI का दायित्व
जस्टिस सूर्यकांत को 30 अक्टूबर को अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में नामित किया गया था। वे करीब 15 महीनों तक इस पद पर रहेंगे और 9 फरवरी 2027 को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे।
महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों में सक्रिय भूमिका
जस्टिस सूर्यकांत हाल ही में विधानसभा में पारित विधेयकों पर राज्यपाल और राष्ट्रपति के अधिकारों से जुड़े राष्ट्रपति के संदर्भ की सुनवाई करने वाली पीठ का हिस्सा रहे। राजद्रोह कानून को निलंबित रखने के आदेश में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिसमें उन्होंने निर्देश दिया था कि सरकार की समीक्षा पूरी होने तक कोई नई FIR दर्ज न की जाए।
अनुच्छेद 370, SIR और पेगासस मामलों में अहम योगदान
जस्टिस सूर्यकांत कई ऐतिहासिक फैसलों में प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं। बिहार में 65 लाख मतदाताओं का नाम हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका में उन्होंने चुनाव आयोग को पूरा विवरण सार्वजनिक करने के लिए प्रेरित किया। 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए उन्होंने पूर्व जस्टिस इंदु मल्होत्रा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया।
महिला सैन्य अधिकारियों और OROP मामले पर निर्णय
उन्होंने रक्षा बलों में ‘वन रैंक-वन पेंशन’ को संवैधानिक रूप से सही ठहराया। स्थायी कमीशन में समानता की मांग करने वाली महिला अधिकारियों की याचिकाओं की सुनवाई में भी वे लगातार सक्रिय रहे।
AMU की अल्पसंख्यक स्थिति पर ऐतिहासिक पीठ का हिस्सा
जस्टिस सूर्यकांत उस सात-न्यायाधीशों की पीठ में थे जिसने 1967 के (AMU) मामले के फैसले को पलटते हुए संस्थान की अल्पसंख्यक दर्जे पर पुनर्विचार का मार्ग खोला।
पेगासस स्पाइवेयर मामले में भी उन्होंने अवैध निगरानी के आरोपों की जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की कमेटी बनाने का आदेश दिया था।
हिसार से सीजेआई तक का सफर
10 फरवरी 1962 को हरियाणा के हिसार में मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत ने छोटे शहर के वकील से देश के शीर्ष न्यायिक पद तक का सफर तय किया। कुुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से 2011 में उन्होंने कानून में मास्टर डिग्री प्राप्त की। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में कई अहम फैसले लिखने के बाद 5 अक्टूबर 2018 को वे हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए।
सूर्यकांत कौन थे?
न्यायमूर्ति सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया गया है, जिन्होंने न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण (B.R) गवई का स्थान लिया है। नियुक्ति: यह अधिसूचना संविधान के अनुच्छेद 124(2) के तहत केंद्रीय विधि मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद जारी की गई थी।
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