नई दिल्ली,। भले ही कांग्रेस को बिहार (Bihar) में करारी हार मिली है, लेकिन वह चुनौतियों से पीछे हटने को तैयार नहीं है। लगातार संघर्ष कर रही कांग्रेस ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के खिलाफ आरपार की लड़ाई का ऐलान किया है। दिसंबर में दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली आयोजित की जाएगी।
बैठक में बना बड़ा फैसला
यह निर्णय इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी की वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक में लिया गया। कांग्रेस ने एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है।
‘एसआईआर में निशाना बनाकर काटे जा रहे नाम’
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि एसआईआर में चुनिंदा लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं और बिहार की तरह बाकी राज्यों में भी वही नीति लागू की जाएगी। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के पांच आदेश भी चुनाव आयोग के खिलाफ रहे और इस प्रक्रिया की मंशा पर सवाल उठे।
हस्ताक्षर अभियान और वोटर अधिकार यात्रा का उल्लेख
खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पहले से ही एसआईआर पर सवाल उठा रही है और बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाली गई थी। पार्टी का हस्ताक्षर अभियान भी चला जिसमें पाँच करोड़ से अधिक हस्ताक्षर जुटाए गए।
12 राज्यों के नेताओं ने रखी अपनी बात
बैठक में एसआईआर प्रक्रिया वाले 12 राज्यों के सीडब्ल्यूसी सदस्यों, प्रदेश अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं और महासचिवों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और पवन खेड़ा ने बताया कि दिसंबर के पहले सप्ताह में रामलीला मैदान में विशाल रैली होगी।
चुनाव आयोग पर जानबूझकर वोट हटाने का आरोप
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटियों की आम भावना है कि चुनाव आयोग कुछ खास वर्गों के वोट हटाने की कोशिश कर रहा है। बिहार में यह देखा गया और अब 12 राज्यों में इसे लागू करने की योजना है।
केरल और असम का उदाहरण देकर गंभीर चिंता
उन्होंने बताया कि केरल में स्थानीय निकाय चुनाव के बीच एसआईआर लागू कर दिया गया है और बीएलओ पर इतना दबाव है कि आत्महत्या तक की घटनाएं सामने आ रही हैं। असम में अलग से एसआईआर की घोषणा की गई है।
‘लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश’
वेणुगोपाल ने इसे देश में लोकतंत्र को कमजोर करने का भयावह प्रयास बताया।
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