Latest Hindi News : वांगचुक की रिहाई पर कल होगा फैसला, पत्नी ने हिरासत को बताया गैरकानूनी

By Anuj Kumar | Updated: October 5, 2025 • 1:20 PM

नई दिल्ली। लद्दाख के पर्यावरण कार्यकर्ता और नेता सोनम वांगचुक (Sonam wangchuk) की गिरफ्तारी मामले में कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसी दौरान उनकी रिहाई को लेकर भी फैसला किया जाएगा।

वांगचुक की रिहाई पर कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

वांगचुक की पत्नी गीजांजलि की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई करेगा। इस याचिका की सुनवाई जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की दो सदस्यीय पीठ करेगी। याचिका में दावा किया गया है कि सोनम वांगचुक को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है और उन्हें वैधानिक प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार नहीं किया गया।

गिरफ्तारी और हिरासत

26 सितंबर को वांगचुक को लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। इसके बाद उन्हें राजस्थान की जोधपुर सेंट्रल जेल (Jodhpur Central Jail) भेजा गया। प्रशासन ने चार लोगों की मौत के मामले में मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया, जबकि स्थानीय लोगों ने न्यायिक जांच की मांग की थी।

पत्नी की याचिका और पत्र

गीजानजलि अंगमो ने याचिका में कहा कि उन्हें एक सप्ताह से अधिक समय से अपने पति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि वांगचुक को अदालत के समक्ष पेश कर उनकी सुरक्षा और कानूनी अधिकार सुनिश्चित किए जाएं। इसके अलावा, उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर भी पति की रिहाई की मांग की।

हिंसा और विरोध प्रदर्शन

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में 24 सितंबर को हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हुई और करीब 90 लोग घायल हुए। यह हिंसा लेह में लद्दाख को छठी अनुसूची का दर्जा और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई

सोनम वांगचुक कौन हैं?

सोनम वांगचुक (जन्म 1 सितंबर 1966) एक भारतीय इंजीनियर, इनोवेटर और शिक्षा सुधारक हैं। वह स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ़ लद्दाख (SECMOL) के संस्थापक-निदेशक हैं, जिसकी स्थापना 1988 में छात्रों के एक समूह द्वारा की गई थी, जो उनके अपने शब्दों में, लद्दाख पर थोपी गई एक विदेशी शिक्षा प्रणाली के ‘पीड़ित’ थे।

क्या सोनम वांगचुक आईआईटी गई थी?

इलाज सहन न कर पाने के कारण, 1977 में वे अकेले ही दिल्ली भाग आए, जहाँ उन्होंने केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य के सामने अपनी बात रखी। वांगचुक ने 1987 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान श्रीनगर (तत्कालीन आरईसी श्रीनगर) से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक. की पढ़ाई पूरी की।

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