Latest Hindi News : दिल्ली एयरपोर्ट की खामी दूर, उड़ान सेवा बहाल

By Anuj Kumar | Updated: November 8, 2025 • 1:55 PM

नई दिल्ली,। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के वायु यातायात नियंत्रण केंद्र में 6 सितंबर को एक तकनीकी खराबी आई। इसके बाद स्वचालित संदेश स्विचिंग प्रणाली (AMSS) पूरी तरह ठप हो गई। यह प्रणाली हवाईअड्डा संचालक, हवाई यातायात नियंत्रण, एयरलाइंस (Airlines) मौसम विभाग और पायलटों सहित सभी संबंधित पक्षों के बीच संदेशों का समयबद्ध आदान-प्रदान सुनिश्चित करती है।

मैनुअल संचालन से बढ़ी दिक्कतें

प्रणाली के फेल होने पर मैनुअल संचालन शुरू किया गया, लेकिन मानव क्षमता मशीन की गति से कहां टिक पाती। रात्रि में प्रणाली को पूरी तरह बहाल कर लिया गया। अधिकारी ने बताया कि अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। हालांकि कुछ संदेश बैकलॉग के कारण स्वचालित प्रसंस्करण में मामूली देरी संभव है, लेकिन कुछ घंटों में पूर्ण सामान्यता की उम्मीद है।

155 उड़ानें रहीं विलंबित

रात्रि संचालन में 155 उड़ानें विलंबित रहीं, जिनमें 54 (8 प्रतिशत) आगमन और 101 (14 प्रतिशत) प्रस्थान उड़ानें थीं, जब प्रणाली क्रमिक सुधार की प्रक्रिया में थी। सुबह सात बजे के नवीनतम अपडेट के अनुसार, प्रस्थान उड़ानों की औसत देरी मात्र 23 मिनट और आगमन की 5 मिनट है। यानी अब यात्रियों को अपने हवाई सफर के लिए बिना किसी बड़ी असुविधा के प्रस्थान करना चाहिए।

उड़ानों की कतारें और यातायात पर असर

मशीन सेकंडों में जो कार्य निपटा लेती थी, अब उसे पूरा करने में मिनट लगने लगे। परिणामस्वरूप उड़ानें एक के बाद एक विलंबित होती चली गईं। शीघ्र ही हवाईअड्डे (Airport) के रनवे क्षेत्र में टेकऑफ की प्रतीक्षा में और आकाश में लैंडिंग के लिए विमानों की लंबी कतारें लग गईं। कतार की लंबाई का अंदाजा इसी से लगाएं कि एक उड़ान को टेकऑफ के लिए अनुक्रम संख्या 210 आवंटित की गई, अर्थात उसके पहले 209 विमान प्रतीक्षारत थे।

देशभर के हवाई संचालन पर पड़ा असर

आकाश में भी यही हाल था, जहां कई उड़ानें लैंडिंग की प्रतीक्षा में 30-40 मिनट तक चक्कर काटती रहीं। स्थिति बिगड़ते देख दिल्ली आने वाली उड़ानों को उनके प्रस्थान हवाईअड्डों पर ही रोक दिया गया, किंतु राहत नहीं मिली। दिल्ली हवाईअड्डा देश के कुल वायु यातायात का लगभग 25 प्रतिशत संभालता है, इसलिए दोपहर तक इसका असर घरेलू ही नहीं, विदेशी हवाईअड्डों पर भी स्पष्ट दिखाई देने लगा।

1000 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित

6 नवंबर को कुल 683 उड़ानें विलंबित हुईं, जिनमें 513 (लगभग 74 प्रतिशत) प्रस्थान और 170 (लगभग 24 प्रतिशत) आगमन उड़ानें शामिल थीं। अगले दिन शुक्रवार को यह संख्या बढ़कर 1007 हो गई, जिसमें 646 (95 प्रतिशत) प्रस्थान और 361 (52 प्रतिशत) आगमन उड़ानें प्रभावित हुईं।

विशेषज्ञ टीमों ने किया त्वरित सुधार कार्य

एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 6 नवंबर को आईपी-आधारित एएमएसएस में गड़बड़ी से उड़ान योजना संदेशों की प्रसंस्करण में देरी हुई। समस्या पता चलते ही मूल उपकरण निर्माता और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की टीमों को तैनात किया गया। साथ ही अतिरिक्त नियंत्रक कर्मचारियों को वायु यातायात नियंत्रण में लगाया गया ताकि उड़ान योजनाओं का मैनुअल प्रसंस्करण हो सके और संचालन निर्बाध रहे।

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