National : देश-विदेश से श्रद्धालु पहुँचे मनकुला विनायागर मंदिर

By Anuj Kumar | Updated: September 1, 2025 • 10:51 AM

नई दिल्ली । पुडुचेरी स्थित मनकुला विनायागर मंदिर (Vinyagar Temple) में इन दिनों देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। मंदिर में चल रहा भव्य ब्रह्मोत्सव न केवल स्थानीय भक्तों बल्कि विदेशी श्रद्धालुओं को भी आकर्षित कर रहा है।

24 दिन तक चलता है ब्रह्मोत्सव

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturhi) से आरंभ हुआ यह उत्सव पूरे 24 दिनों तक चलता है और विजयादशमी पर विशेष शोभायात्रा के साथ सम्पन्न होता है। खास बात यह है कि वियतनाम, इंडोनेशिया, सिंगापुर और नेपाल जैसे देशों से भी भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं।

भगवान गणेश की 58 अनूठी मूर्तियां

मंदिर की विशेषता यह है कि इसके प्रांगण में भगवान गणेश की 58 अद्भुत मूर्तियां स्थापित हैं। इन्हें देश के नामी चित्रकारों ने सजाया है, जिनमें भगवान गणेश के जीवन से जुड़े विभिन्न प्रसंग दर्शाए गए हैं। यह संग्रह मंदिर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिलाता है।

500 साल पुराना इतिहास

इतिहासकारों के अनुसार, मनकुला विनायागर मंदिर का इतिहास लगभग 500 वर्ष पुराना है। फ्रेंच शासनकाल से जुड़े प्रसिद्ध कारोबारी आनंद रंग पिल्लई की डायरी में भी इस मंदिर का उल्लेख मिलता है।

तमिल मूल और फ्रेंच नागरिकों की आस्था

पांडिचेरी के समाजसेवी हरिहरन के अनुसार, यह मंदिर सदियों से स्थानीय समाज और विदेशों में बसे तमिल मूल के लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां के फ्रेंच नागरिकों ने भी समय के साथ इसे अपनी श्रद्धा का हिस्सा बना लिया।

गुरुवार को लगती है भीड़

मंदिर प्रशासन (Temple Administration) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पननीयन ने बताया कि हर गुरुवार को यहां दूर-दराज से भक्त बड़ी संख्या में आते हैं।

स्वर्ण जड़ित प्रतिमा और रथ है आकर्षण का केंद्र

मंदिर की सबसे बड़ी धरोहर भगवान विनायागर की स्वर्ण मंडित प्रतिमा है। इसके अलावा मंदिर प्रांगण में 10 फीट ऊंचा रथ भी है, जिस पर लगभग साढ़े सात किलोग्राम सोना जड़ा हुआ है। विजयादशमी पर इसी रथ पर भगवान की प्रतिमा को नगर भ्रमण कराया जाता है, जिसे देखने हजारों भक्त उमड़ते हैं।

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