Ethanol Production में ग्रेनस्पैन का बड़ा निवेश, गुजरात में दो नए प्लांट भारत के एथनॉल लक्ष्य को मिला बूस्ट
Ethanol Production के क्षेत्र में भारत ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। गुजरात स्थित खाद्य प्रसंस्करण कंपनी ग्रेनस्पैन ने राज्य में दो नए एथनॉल उत्पादन संयंत्र स्थापित किए हैं। कंपनी ने इन प्लांट्स के लिए लगभग ₹650 करोड़ का निवेश किया है, जिससे देश में ग्रीन फ्यूल उत्पादन और ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।
कहां लगाए गए हैं ये संयंत्र?
ग्रेनस्पैन ने गुजरात के कच्छ और भावनगर जिलों में अपने एथनॉल प्लांट्स की शुरुआत की है। इन दोनों संयंत्रों में मक्का और अन्य अनाजों से एथनॉल तैयार किया जाएगा। यह उत्पादन नीति केंद्र सरकार की ई20 मिशन और जैव ईंधन नीति 2018 के अनुरूप है।
क्या होंगे इसके फायदे?
- देश में Ethanol Production की क्षमता में वृद्धि
- आयातित पेट्रोलियम पर निर्भरता में कमी
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती
- किसानों की आय में वृद्धि (क्योंकि मक्का व अन्य अनाज की मांग बढ़ेगी)
- ग्रामीण क्षेत्र में रोज़गार के अवसर
ग्रेनस्पैन का लक्ष्य क्या है?
ग्रेनस्पैन का उद्देश्य केवल व्यापारिक विस्तार नहीं बल्कि भारत की ऊर्जा नीति में सक्रिय भागीदारी है। कंपनी ने अगले 5 वर्षों में एथनॉल उत्पादन में और निवेश करने की योजना बनाई है। उनका लक्ष्य सरकार के वर्ष 2025 तक 20% एथनॉल मिश्रण के लक्ष्य में अपना बड़ा योगदान देना है।
सरकार की भूमिका
भारत सरकार पहले ही एथनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के तहत तेल कंपनियों को अनिवार्य एथनॉल मिलावट के निर्देश दे चुकी है। इसके तहत:
- पेट्रोल में एथनॉल की मिलावट का लक्ष्य 20% तय
- 2025 तक इस लक्ष्य को हासिल करने की योजना
- एथनॉल उत्पादन में निजी कंपनियों को निवेश के लिए प्रोत्साहन
Ethanol Production के क्षेत्र में ग्रेनस्पैन का यह कदम केवल एक व्यापारिक विस्तार नहीं बल्कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक ठोस प्रयास है। इससे न केवल पर्यावरणीय लाभ होगा, बल्कि किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। भारत में क्लीन एनर्जी के भविष्य की राह अब और स्पष्ट होती दिख रही है।