Sehore News : 90 साल की उम्र में भी खेतों में जुटे किसान

By Surekha Bhosle | Updated: July 23, 2025 • 1:05 PM

अकेले हल चलाते हैं, न बैल की ज़रूरत न ट्रैक्टर की

Sehore Farmer News: बेल और ट्रैक्टर नहीं, खुद खेत में हल जोतने को मजबूर हैं सीहोर (Sehore) के 90 वर्षीय किसान (Farmer)। इस बुजुर्ग किसान ने 68 साल पहले बनी फिल्म ‘मदर इंडिया’ की याद दिला दी

मध्य प्रदेश के सीहोर Sehore जिले के एक छोटे से गांव में एक ऐसा किसान है, जिसकी कहानी ‘मदर इंडिया’ फिल्म की याद दिलाती है. 90 वर्षीय किसान अमर सिंह के पास केवल तीन एकड़ जमीन है. वे आज भी अपने खेतों में खुद हल चलाते हैं. सीहोर के छोटे से गांव तज के किसान अमर सिंह की मेहनत और लगन देखकर ऐसा लगता है जैसे वह किसी फिल्म का हिस्सा हों।

अमर सिंह के पास न तो ट्रैक्टर है और न ही कोई आधुनिक कृषि उपकरण, लेकिन उनके हौसले और मेहनत में कोई कमी नहीं है. हर सुबह वह अपने खेत में जाते हैं और परंपरागत तरीके से खेती करते हैं. बुजुर्ग किसान ने ट्रैक्टर, बैलगाड़ी नहीं होने के कारण देसी जुगाड़ लगाकर साइकिल के पहिए से हल बनाया है और बैल से जोतने वाले हल से वह खुद ही हकाई करते हैं।

प्रेरणा का स्त्रोत हैं किसान अमर सिंह

सीहोर Sehore के तज गांव में अमर सिंह की कहानी, ‘मदर इंडिया’ की भावना को जीवित रखती है और हमें यह याद दिलाती है कि असली किसान वही है, जो अपनी जमीन से प्रेम करता है. गांव के अन्य किसान भी उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण से प्रेरित हैं. 

‘मेरे लिए केवल काम नहीं, पूरा जीवन’- अमर सिंह

90 साल के अमर सिंह बताते हैं, “मैं हमेशा से अपनी जमीन पर काम करने का शौक रखता था. यह मेरे लिए केवल एक काम नहीं, बल्कि मेरा जीवन है. वह कहते हैं कि गरीबी के चलते उनके पास इसके अलावा कोई चारा नहीं है. खेती से बमुश्किल गुजर-बसर चल रहा है.

नुकसान पर बीमा न मिलने का आरोप

किसानों ने प्रशासन पर आरोप भी लगाया है. उनका कहना है कि जब यह बात पता चली कि किसान अमर सिंह की सोयाबीन की फसल बीते 10 साल से प्राकृतिक आपदा, बाढ़, अधिक पानी या सूखे से और खराब कीटनाशक दवा से बर्बाद हो रही है, तो किसानों ने उनके लिए आर्थिक सहायता और बीमा राशि की मांग की. यह मांग जिला प्रशासन से लेकर शासन तक जाती रही, लेकिन किसानों को उनका हक बीमा राशि नहीं मिली।

अब किसानों का कहना है कि बैंक के द्वारा बीमा की राशि ऑटोमेटिक ही खाते से काट ली जाती है. जब फसल का नुकसान होता है तो उसे कोई बीमा की राशि नहीं मिलती।

पहले ट्रैक्टर से जोता गया था किसान का खेत

खबर के सामने आने के बाद इस मामले में जिला कलेक्टर ने तहसीलदार को जांच के निर्देश दिए जिसमें पाया गया कि किसान ने इससे पहले सोयाबीन और बैगन की खेती की थी. उस समय उनका खेत ट्रैक्टर से जोता गया था. तहसीलदार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जो वीडियो वायरल हो रहा है, वह खेत जोतने की नहीं बल्कि खेत से खरपतवार हटाने की प्रक्रिया है।

किसान को मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

साथ ही रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री किसान को किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान सम्मन निधि और मध्य प्रदेश वृद्धावस्था पेंशन का लाभ भी मिल रहा है।

किसान का सबसे बड़ा मित्र कौन है?

केंचुआ किसानों का मित्र है क्योंकि यह मिट्टी को उलट-पलटकर पोला बनाता है और ह्यूमस बनता है। अतः मिट्टी को उलटना-पलटना एवं पोला करना फसल उगाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

कृषि प्रधान देश कौन सा है?

भारत ‌संरचनात्मक दृष्टि से गांवो का देश है ,और सभी ग्रामीण समुदायों में अधिक मात्रा में कृषि कार्य किया जाता है इसी लिए भारत को भारत कृषि प्रधान देश की संज्ञा भी मिली हुई है। लगभग 70% भारतीय लोग किसान हैं। वे भारत देश के रीढ़ की हड्डी के समान है। खाद्य फसलों और तिलहन का उत्पादन करते हैं।

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