मुंबई। महाराष्ट्र के पालघर जिले के वाडा तालुका के शिलोत्तर गांव के किसान मधुकर बाबूराव पाटिल को बेमौसम बारिश (Rain) से धान की फसल बर्बाद होने के बाद राज्य सरकार से मात्र 2.30 रुपये मुआवजा मिला। पाटिल ने बताया कि बारिश ने उनकी 11 एकड़ जमीन पर लगी फसल को पूरी तरह नष्ट कर दिया। फसल डूबने और सड़ने से पशुओं के लिए चारा भी प्रभावित हुआ। उन्होंने कहा, इतने बड़े नुकसान के बाद बैंक खाते में सिर्फ 2.30 रुपये देखकर सदमा लगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री बोले – ये किसानों के साथ मजाक है
कंपनियों के इस हास्यास्पद कारनामे पर केंद्रीय कृषिमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj singh Chauhan) ने कहा है कि “ये तो सीधा-सीधा मजाक कर रही हैं कंपनियां। इस तरह नहीं चलेगा।” उन्होंने योजना की समीक्षा और सुधार के निर्देश दिए। चौहान ने उन शिकायतों की जांच के आदेश दिए जिनमें कुछ किसानों को 1 रुपये से भी कम का फसल बीमा दावा मिला।
बीमा कंपनियों को मिली सख्त चेतावनी
कृषि मंत्री ने कहा कि फसल नुकसान के ऐसे दावे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। उन्होंने बीमा कंपनियों से नुकसान का सही आकलन करने और किसानों को एकमुश्त दावा राशि देने का निर्देश दिया।
चौहान ने पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को योजना में सुधार और विसंगतियों को तुरंत दूर करने के आदेश दिए।
उद्धव ठाकरे का सरकार पर हमला
शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “पालघर के किसानों को 2 रुपये का मुआवजा देना मजाक है।” उन्होंने प्रति हेक्टेयर ₹50,000 सहायता और तत्काल ऋणमाफी की मांग की। ठाकरे ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बाढ़ और बारिश से प्रभावित किसानों की कर्जमाफी को जून 2026 तक टालकर उनका अपमान किया है।
बारिश से मराठवाड़ा में भी भारी नुकसान
मराठवाड़ा क्षेत्र में सितंबर के अंत में भारी बारिश से हजारों हेक्टेयर फसलें नष्ट हुई थीं। चुनावी वादों में कर्जमाफी की बात हुई थी, लेकिन अब कहा जा रहा है कि समिति अप्रैल 2026 तक रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर जून 2026 में फैसला लिया जाएगा।
Read More :