डूंगरपुर में आदिवासी छात्रों के नाम से करीब 1800 करोड़ साइबर ठगी (Cyber Fraud )को अंजाम दिया गया है। इसका खुलासा बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद के उस पत्र से हुआ है जो कि उन्होंने पुलिस डीजीपी राजीव शर्मा (DGP Rajeev Sharma) व वित्त मंत्री को लिखा है। सांसद राजकुमार रोत (MP Rajkumar Rote) के पत्र अनुसार डूंगरपुर जिले में इण्डसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और अन्य बैंकों के कुछ कर्मचारियों ने कॉलेज छात्रों से संपर्क किया। यही नहीं कुछ ने शिविर लगाए। कुछ ने निजी तौर पर उनके यहां खाते खुलवाने की मांग रखी।
छात्रों और उनके परिजनों के सभी प्रकार के दस्तावेज भी ले लिए
छात्रों और उनके परिवारों को लालच दिया गया कि उनके बैंक खाते खोलकर पैन कार्ड, छात्रवृत्ति, शिक्षा ऋण और सरकारी नौकरियों के अवसर दिए जाएंगे। ठगों ने इन छात्रों और उनके परिजनों के सभी प्रकार के दस्तावेज भी ले लिए। पर, कभी भी एटीएम या बैंक पास बुक नहीं दी। जब कुछ छात्रों ने एटीएम की मांग को बैंक अधिकारी और कर्मचारियों ने दस्तावेज देने से इंकार कर दिया। बैंक कर्मचारियों ने तकनीकी खामी का बहाना बनाया।
इसके बाद छात्रों ने अपने स्तर पर पता किया तो पूरे मामले का खुलासा हुआ कि उनके खातों में करोड़ों रुपए के लेन-देन किए जा रहे हैं। कुछ छात्रों ने इसकी शिकायत की तो विशेष रूप से पुलिस प्रशासन साइबर धोखाधड़ी करने वालों को पकड़ने के बजाय उल्टा पीड़ित छात्रों और उनके परिवारों को परेशान कर रही है।
कार्रवाई की मांग
सांसद राजकुमार रोत ने बताया कि डूंगरपुर में की गई 1800 करोड़ रुपए की ठगी यहीं तक सीमित नहीं है। बल्कि बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर और दक्षिण राजस्थान के अन्य इलाकों में भी ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। साथ ही बताया कि डीजीपी और वित्त मंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
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